इस शैक्षणिक सत्र से 33 सैनिक स्कूलों में बालिका कैडेट्स को भी मिलेगा दाखिला

नई दिल्ली। देश के सभी सैनिक स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2021-22 से बालिका कैडेट्स को भी दाखिला दिया जाएगा। यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाईक ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर के दौरान दी। 

उन्होंने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2018-19 में पहली बार सैनिक स्कूल छिंगछिप (मिजोरम) में छठवीं कक्षा में 54 बालकों के साथ 6 बालिका कैडेट्स को प्रवेश दिया गया था।

इस पायलट परियोजना की सफलता के बाद केंद्र सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 से सभी सैनिक विद्यालयों में बालक कैडेट्स के साथ बालिका कैडेट्स को भी प्रवेश देने का फैसला किया है।

इसके साथ ही सरकार एनजीओ, निजी स्कूलों और राज्य सरकारों के साथ मिलकर देश में सैनिक स्कूलों की स्थापना के लिए एक नई योजना लाने की तैयारी कर रही है।

प्रवेश के लिए देनी होगी परीक्षा

बता दें सैनिक स्कूलों में कक्षा छह व नौवीं के दौरान ही दाखिला दिया जाता है। इस दौरान बच्चे की आयु 10 से 12 वर्ष और 13 से 15 वर्ष होनी चाहिए। सैनिक स्कूल में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा देनी होती है। 

1961 में सतारा में पहले सैनिक स्कूल की स्थापना

गौरतलब है कि 1961 में महाराष्ट्र के सतारा में पहला सैनिक स्कूल खोला गया था। वहीं कुछ महीने बाद चार और स्कूल हरियाणा के कुंजपुरा, गुजरात के बालाचडी, पंजाब के कपूरथला और राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में खोले गए थे। 

सैनिक स्कूल की स्थापना करने का उद्देश्य नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) और इंडियन नेवल एकेडमी (आईएनए) के लिए छात्रों को तैयार करना था।

अभी तक एनडीए और आईएनए में भी सिर्फ लड़कों को ही प्रवेश दिया जाता था, लेकिन अब वहां भी लड़कियों को प्रवेश मिलने लगा है।

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