किसान आन्दोलन: SKM की बैठक आज, आन्दोलन खत्म होने के आसार कम
नई दिल्ली/सोनीपत/गाजियाबाद। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के निरस्त होने के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत 6 मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है।
इस बीच पिछले एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर धरने व आन्दोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की आज अहम बैठक होगी।
यह बैठक सिंघु बार्डर पर होगी, जिसमें मोर्चा की आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। केंद्र सरकार ने एमएसपी पर किसानों की मांग पर विचार करने के लिए पांच सदस्यों की एक समिति की घोषणा की है।
मोर्चा ने इसमें शामिल होने वाले सदस्यों के नाम सरकार को भेज दिए हैं। किसान नेता आंदोलन के दौरान दर्ज सभी केस वापस लेने की मांग पर भी अड़े हुए हैं।
बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार से बातचीत के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से गठित पांच सदस्यीय कमेटी को सरकार की ओर से वार्ता का कोई न्योता नहीं मिला।
इस संबंध में अंतिम निर्णय मंगलवार को होने वाली मोर्चा की बैठक में लिया जाएगा। माना जा रहा है कि किसान आंदोलन अभी जारी रहेगा।
किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने तक जारी रहेगा आंदोलन
उधर, पिछले दिनों दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में शामिल हुए किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने इशारा किया था कि केंद्र सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बातचीत के लिए बनी 5 सदस्यीय कमेटी बनने से सभी संगठन सहमत है।
इसके साथ ही उप्र और हरियाणा सरकार किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने के लिए भी सहमत है। एसकेएम ने कहा कि किसान तब तक प्रदर्शन स्थलों से नहीं हटेंगे, जब तक सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान उनके खिलाफ दर्ज मामले वापस नहीं ले लेती।
पिछले दिनों सिंघु बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में शामिल हिम्मत सिंह गुर्जर ने दावा किया था कि मंगलवार की बैठक में आंदोलन की वापसी का ऐलान हो सकता है, लेकिन अब ऐसा नहीं लगता है।
हिम्मत सिंह गुर्जर ने यह भी कहा था कि किसानों को मुआवजा देने पर गृह मंत्रालय से बात हो गई है। इसके तहत पंजाब माडल पर मृतक किसानों के परिवार को मुआवजा मिलेगा।
गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (सिंघु, टीकरी शाहजहांपुर और गाजीपुर) पर यूपी, हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान पूर्व की तरह ही जमा हैं और 6 नई मांगों को लेकर दिल्ली के बार्डर पर रास्ता जाम किए हुए हैं।