विस चुनाव में जीत से राज्यसभा में भाजपा व आप को मिलेगा फायदा

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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी (आप) को इस साल राज्यसभा चुनाव में फायदा मिलने वाला है। दोनों ही पार्टियों ने विधानसभा चुनावों के नवीनतम दौर में भारी जीत हासिल की है।

भाजपा ने पांच में से चार राज्यों में जीत दर्ज की, जबकि आम आदमी पार्टी पंजाब में सत्ता में आई। राज्यसभा में कांग्रेस 34 में से केवल 27 सीटों पर सिमट जाएगी, यह उसकी सबसे कम संख्या होगी।

भाजपा उच्च सदन में पहली बार 100 सीटों को पार करेगी और 97 की मौजूदा संख्या से 104 सीटों तक पहुंचने के लिए तैयार है।

एनडीए साल के अंत तक 243 सीटों वाले सदन में 122 सीटों तक पहुंच जाएगी। वह उप्र में तीन सीटें हासिल करेगी और इस साल असम, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कांग्रेस से चार सीटें छीन लेगी।

पंजाब में राज्यसभा की पांच सीटों के लिए चुनाव की घोषणा की गई है और समझा जाता है कि आम आदमी पार्टी इन सभी सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है।

इससे उच्च सदन में आप के सदस्यों की संख्या बढ़कर आठ हो सकती है। राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के तीन सदस्य हैं और ये सभी दिल्ली से हैं। पंजाब में जीत से आप को फायदा मिलेगा।

राज्यसभा के लिए पंजाब में पांच सीटों पर चुनाव

राज्यसभा के लिए पंजाब से पांच सीटों पर दो बार में चुनाव होंगे जिसमें पहले तीन सीट और फिर दो सीटों के लिए चुनाव होगा।

पंजाब के राज्यसभा से सेवानिवृत होने वाले सदस्यों में कांग्रेस से प्रताप सिंह बाजवा एवं शमशेर सिंह डुलो, अकाली दल से सुखदेव सिंह ढींढसा व नरेश गुजराल और भाजपा से एस मलिक शामिल हैं।

दो अन्य सदस्य अकाली दल से बलविंदर सिंह भुंडर और कांग्रेस की अंबिका सोनी का कार्यकाल जुलाई में पूरा होगा और ये दोनों सीटें आप के खाते में जा सकती हैं।

छह राज्यों में राज्यसभा की खाली होने जा रहीं 13 सीटें

देश के छह राज्यों में राज्यसभा की रिक्त होने जा रही 13 सीटों के लिए आगामी 31 मार्च को चुनाव होगा। असम, हिमाचल प्रदेश, केरल, नगालैंड और त्रिपुरा से राज्यसभा के आठ सदस्यों का कार्यकाल दो अप्रैल को और पंजाब के पांच सदस्यों का कार्यकाल नौ अप्रैल को पूरा होगा। इस कारण ये सीटें रिक्त हो रही हैं।

निर्वाचन आयोग ने हाल ही में एक बयान में कहा, “पंजाब में रिक्त हो रही पांच सीटों में से तीन के लिए एक चुनाव होगा, जबकि दो सीटों के लिए अलग चुनाव होगा क्योंकि ये सीटें दो अलग-अलग द्विवार्षिक चक्र से संबंधित हैं।”

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