बिहार चुनाव: बीजेपी ने पलटी बाजी, रुझानों में एनडीए को बहुमत

एनडीए 125 तो महागठबंधन की 105 सीटों पर बढ़त

नई दिल्ली/पटना। कोरोना काल में करीब डेढ़ महीने की चुनावी प्रक्रिया के बाद बिहार विधान सभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है। शुरुआती रुझानों में पहले महागठबंधन फिर एनडीए की सरकार बनती हुई लग रही है।

ताजा आंकड़ों के अनुसार एनडीए 125 तो महागठबंधन 105 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। इससे एनडीए अपने दम पर राज्य में सरकार बना रही है।

रुझानों में लोजपा सात सीटों पर तो अन्य पार्टी दो सीटों पर आगे चल रही है। नतीजों से उत्साहित जदयू के कार्यकर्ता भी कार्यालय पहुंचना शुरू हो गए हैं। उन्होंने नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा किया है।

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महागठबंधन और एनडीए के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। कभी महागठबंधन तो कभी एनडीए आगे हो रहा है।

शुरुआत में महागठबंधन ने एनडीए पर अच्छी खासी बढ़त बनाई थी। एनडीए ने कमबैक करते हुए 130 सीटों पर बढ़त बना ली है। रुझानों में पहली बार एनडीए को बहुमत मिल गया है।

महागठबंधन 104 सीटों पर सिमट गया है। महागठबंधन में शामिल कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत खराब है। यही वजह है कि महागठबंधन अपनी बढ़त खोता जा रहा है।

तेजस्वी आगे, तेजप्रताप पीछे

महागठबंधन के प्रमुख चेहरे तेजस्वी यादव राघोपुर सीट से आगे चल रहे हैं। हालांकि उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव अब हसनपुर सीट से पीछे चल रहे हैं। जेडीयू के राजकुमार से उनका मुकाबला है।

इसके अलावा  पूर्णिया सदर विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी विजय खेमका 1663 वोट से आगे हैं। धमदाहा विधानसभा से जेडीयू की लेसी सिंह, कसबा विधानसभा से कांग्रेस के अफाक आलम वोट, रुपौली विधानसभा से जेडीयू की बीमा भारती आगे हैं।

ओवैसी की पार्टी दो सीटों पर आगे

बिहार विधान सभा चुनाव के लिए जारी वोटों की गिनती में असुद्दीन ओवैसी की पार्टी फिलहाल दो सीटों पर आगे चल रही है। बीएसपी भी एक सीट पर बढ़त बनाए हैं। एक अन्य महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि वाम दल 14 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं।

नीतीश का भविष्य दांव पर

बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान हर दौर में नीतीश ने अपने सुशासन की दुहाई दी और जनता से समर्थन मांगा।

लेकिन जमीनी हकीकत का शायद उन्हें एहसास चरण दर चरण और रैली दर रैली होने लगा था, तभी आखिरी चरण में नीतीश ने अपने आखिरी चुनाव दांव खेला।

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