डीडीसी चुनाव: कश्मीर में भी खिला ‘कमल’, रुझानों में गुपकर गठबंधन आगे

श्रीनगर। कभी जिस कश्मीर घाटी में भारतीय जनता पार्टी का झंडा उठाने वाला कोई नहीं मिलता था वहां से आज पार्टी का उम्मीदवार विजई हो रहा है।
जम्मू-कश्मीर जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव श्रीनगर के बलहामा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार एजाज हुसैन ने जीत दर्ज की है। कश्मीर के तुलैल सीट और पुलवामा में भी बीजेपी उम्मीदवार ने जीत हासिल की है, हालांकि अभी इनकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
डीडीसी चुनाव की मतगणना जारी है, जिसके शुरुआती रूझान में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद बना गुपकर घोषणा पत्र गठबंधन (पीएजीडी) भाजपा से आगे दिख रहा है। नैशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी समेत सात दलों का गुपकर गठबंधन रुझानों में 88 सीटों पर आगे है जबकि बीजेपी 46 सीटों पर आगे चल रही है। कांग्रेस 21 सीटों पर आगे है।
जम्मू संभाग में भाजपा का दबदबा है। कश्मीर संभाग में भी कुछ सीटों पर बीजेपी बढ़त बनाए हुए है। कई सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों को मिले वोट उत्साहजनक हैं।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहली बार हुए चुनाव में बीजेपी को मिली इस सफलता को काफी अहम माना जा रहा है।
श्रीनगर में बलहामा सीट से जीते बीजेपी के उम्मीदवार एजाज भाजयुमो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। चुनाव में जीत हासिल करने के बाद उन्होंने कहा, ”हम गुपकार गठबंधन के खिलाफ लड़े और आज श्रीनगर में बलहामा सीट से जीते हैं। मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों और सुरक्षाबलों को बधाई देता हूं।”
नतीजों पर बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा, ”बीजेपी ने एजाज हुसैन की जीत के साथ कश्मीर घाटी में खाता खोल लिया है। हम घाटी में कई और सीटों पर आगे चल रहे हैं। यह दिखाता है कि कश्मीर घाटी के लोग विकास चाहते हैं।”
डीडीसी के चुनाव में 2178 उम्मीदवार मैदान में हैं। डीडीसी की 280 सीटों के लिए आठ चरण में चुनाव कराए गए। कुल मिलाकर शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए इन चुनावों में 57 लाख पात्र मतदाताओं में से 51 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
कश्मीर केन्द्रित मुख्य धारा की सात राजनीतिक पार्टियों ने गुपकर घोषणा पत्र गठबंधन (पीएजीडी) के बैनर तले चुनाव लड़ा था। इन पार्टियों में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी भी शामिल हैं।
शुरुआत में कांग्रेस भी पीएजीडी का हिस्सा थी, लेकिन बाद में उसने गठबंधन से दूरी बना ली क्योंकि भाजपा ने विपक्षी दलों को गुपकर गैंग कहते हुए निशाना साधा था।
पिछले सात चरण में कांग्रेस अकेले ही चुनाव में उतरी लेकिन ऐसा समझा जाता है कि पीएजीडी के साथ उसकी सहमति थी।
