तमिलनाडु के उप-महानिरीक्षक आईपीएस, सी विजय कुमार ने सुसाइड किया
तमिलनाडु राज्य पुलिस और सूबे की सल्तनत में शुक्रवार सुबह से ही कोहराम मचा है. यहां के युवा आईपीएस अधिकारी सी विजय कुमार, जोकि हाल ही में कोयंबटूर के उप-महानिरीक्षक बनाए गए थे, ने अपने सरकारी कैंप कार्यालय परिसर में गोली मारकर खुद की जीवन लीला समाप्त कर ली. सुबह-सुबह अपने युवा और बेहद सुलझे हुए आईपीएस अफसर की संदिग्ध मौत को लेकर, तमिलनाडू पुलिस महकमे में जितने मुंह उतनी बातें निकल कर सामने आ रही हैं. विजय कुमार की मौत गोली लगने से हुई. मामला सुसाइड का है. यह तो सबको साफ साफ नजर आ रहा है. लेकिन उन्होंने ये कदम क्यों उठाया, यह सवाल महत्वपूर्ण है.

बताया जा रहा है कि विजय कुमार पिछली 4-5 रातों से ठीक से सोए नहीं थे. वह कई बार देर रात तक ऑफिस में काम करते नजर आते थे. जब उनसे नींद ना आने का कारण पूछा जाता तो वो बात टाल देते थे.
हर कोई हतप्रभ पुलिस अफसर-कर्मचारी, यह कहकर बला सी टाल रहा है कि अभी जांच से पहले कुछ नहीं पता चल सकता. हालांकि मीडिया से खुद की पहचान उजागर न करने की शर्त पर, अपर पुलिस महानिदेशक और आईजी स्तर के अफसरों ने बात की. साथ ही राज्य पुलिस महानिदेशालय के कुछ अन्य उन मातहतों से जिन्होंने कभी इन्हीं आईपीएस अधिकारी विजय कुमार के साथ काम किया था, से बातचीत में एक बात तो साफ हो गई कि, विजय कुमार आसानी से सुसाइड जैसा कदम उठाने वाले पुलिस अफसर या शख्शियत कतई नहीं थे.
तमिलनाडु राज्य पुलिस महानिदेशालय में ही तैनात एक अधिकारी के मुताबिक, “विजय कुमार बेशक शांत चित्त व्यक्तित्व वाले थे. मगर वे हंसमुख भी थे. बोलते कम थे. मगर जो भी बोलते थे वो नाप-तोलकर बोला करते थे. उन्हें महकमे में उनके समकक्ष अक्सर ‘सुनने वाला साहब’ कहकर भी बुलाते थे जिसे विजय कुमार ने कभी अन्यथा नहीं लिया. खुद के बारे में ऐसा सुनकर प्रतिक्रिया स्वरूप वे बस मुस्करा भर देते थे.”
कोयंबटूर पुलिस मुख्यालय में तैनात आईपीएस सी विजय कुमार (IPS C Vijay Kumar Suicide) के एक मातहत डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी की मानें तो, “वैसे तो अभी जांच पूरी होने से पहले मौत या सुसाइड की वजह को लेकर कुछ ठोस कह पाना जल्दबाजी भी होगा. हां, इतना जरूर है कि वे (अपनी ही सरकारी पिस्तौल से शुक्रवार सुबह डीआईजी पुलिस कैंप कार्यालय में सुसाइड कर लेने वाले 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी विजय कुमार) बीती 4-5 रात से बिलकुल नहीं सो पा रहे थे.
