Maharashtra Politics: पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने छोड़ा Congress का हाथ, BJP में हो सकते हैं शामिल

Politics: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। सीनियर कांग्रेस नेता एवं पूर्व सीएम अशोक चव्हान ने कांग्रेस छोड़ दी है। माना जा रहा है कि वह भाजपा में जा सकते हैं।

इमेज क्रेडिट: सोशल मीडिया

Ashok Chavan: महाराष्ट्र में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के कद्दावर नेता अशोक चव्हाण ने राज्य में पार्टी को छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने स्पीकर को अपना इस्तीफा भेजा। साथ ही कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ने का एलान किया है। अशोक चह्वाण के कांग्रेस छोड़ने से कुछ दिन पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी और मिलिंद देवड़ा ने भी पार्टी छोड़ी दी थी।

ऐसी अटकलें हैं कि वह महाराष्ट्र के सत्तासीन भाजपाशिवसेनाराकांपा गठबंधन में शामिल हो सकते हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को लिखे एक पत्र में चह्वाण (65) ने कहा कि वह पार्टी छोड़ रहे हैं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को भी विधायक के रूप में अपना इस्तीफा सौंपा। गौरतलब है कि चह्वाण के कांग्रेस छोड़ने से कुछ दिन पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी और मिलिंद देवड़ा ने भी पार्टी छोड़ी दी थी।

फडणवीस ने किया चव्हाण के भाजपा में आने का इशारा
चह्वाण के भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकारों से बातची की। उन्होंने इशारों-इशारों में चव्हाण के भाजपा में शामिल होने के संकेत दिए। फडणवीस ने कहा, ‘‘आगे-आगे देखो होता है क्या।’’

महाराष्ट्र के सीएम भी रह चुके हैं चव्हाण
अशोक चह्वाण मराठावाड़ा क्षेत्र में नांदेड क्षेत्र से आते हैं। उनके पिता दिवंगत शंकरराव चह्वाण भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। अशोक चव्हाण विलासराव देशमुख की सरकार में सांस्कृतिक मामलों, उद्योग, खान और प्रोटोकॉल मंत्री रहे। वह नांदेड़ जिले की भोकर सीट से 2019 में विधायक बने। वे 2008 से 2009 और फिर 2009 से 2010 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रहे। अशोक चह्वाण ने मुंबई में आदर्श आवासीय

घोटाले में कथित संलिप्तता को लेकर 2010 में मुख्यमंत्री पद से दिया था इस्तीफा
वे दो बार के सांसद और चार बार विधायक हैं। 2015 से 2019 तक महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी निभाई। 1987 में पहली बार लोकसभा के सांसद चुने गए। 2014 में वे दूसरी बार सांसद बने। इसके अलावा एक बार विधान परिषद के सदस्य भी रहे।

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