HBD सलीम खान साहब, बॉलीवुड में लेखकों को आपने दिलाई पहचान

बॉलीवुड में एक दौर ऐसा भी था जब फ़िल्में लेखकों के नाम से पहचानी जाने लगी थीं यह दौर था हिंदी फिल्मों की सुप्रसिद्ध लेखक जोड़ी सलीम जावेद का। आज इसी इस सुप्रसिद्ध लेखक जोड़ी के सलीम खान साहब का जन्मदिवस है।

अगर कहा जाय कि अमिताभ बच्चन को सुपर स्टार बनाने में इस सुपर स्टार लेखक जोड़ी का हाथ है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।

अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म ‘दीवार’, ‘जंजीर’, ‘शोले’, ‘शान’, ‘शक्ति’ जैसी बेहतरीन फिल्में उक्त कथन को सही साबित करने के लिए काफी हैं। इन फिल्मों की तारीफ इनके संवादों और कहानी की वजह से ही ज्यादा होती रही है।

खुद सलीम खान ने भी एक इंटरव्यू में कहा है कि अगर ‘दीवार’ फिल्म की कहानी कोई निर्माता और कलाकार सुनेगा तो वह इसे करने के लिए कभी राजी नहीं होता। वह तो फिल्म की पटकथा ही थी जिसकी वजह से कलाकार भी तैयार हुए और फिल्म को निर्माता भी मिले।

सलीम जावेद की जोड़ी ने अपनी कलम से कई करिश्मे किए। हालांकि, जब यह जोड़ी टूटी, तब भी इन दोनों लेखकों का काम चलता रहा। आज सलीम खान के जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनके काम के कुछ किस्से सुनाते हैं।

‘अकेला’ में गलत साबित हुए सलीम

रमेश सिप्पी के निर्देशन में वर्ष 1991 में आई अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘अकेला’ में इसके खलनायक एंथोनी ब्रगेंजा का किरदार निभाने के लिए कीथ स्टीवेंसन का नाम रमेश को सलीम खान ने ही सुझाया था।

सलीम का दावा था कि कीथ रमेश की दूसरी फिल्मों के विलेन जैसे ‘शोले’ का गब्बर और ‘शान’ का शाकाल जैसा सनसनीखेज खलनायक बनेगा लेकिन, अंत में सलीम गलत साबित हुए। ‘अकेला’ फ्लॉप होने का सबसे बड़ा कारण कीथ स्टीवेंसन ही थे।

विवेक वासवानी से हुई कहासुनी

वर्ष 1991 में अनंत बलानी के निर्देशन में आई फिल्म ‘पत्थर के फूल’ के दौरान सलीम खान और इसके सह निर्माता विवेक वासवानी के बीच तकरार की खबरें मीडिया में बहुत आईं।

इस फिल्म के रिलीज होने के बाद सलीम खान ने एक इंटरव्यू में कहा कि विवेक के पास सौ रुपये भी नहीं थे जब वह उनसे मिले। वह सलीम खान ही थे जिन्होंने जीपी सिप्पी से विवेक को मिलवाया।

सलीम की इन बातों को विवेक ने बिल्कुल झूठी बताया। उन्होंने कहा कि जीपी सिप्पी के भतीजे विजय उनके दोस्त थे।

विवेक ने कहा कि जो सलीम सौ रुपये भी जेब में न होने की बात कर रहे हैं, उनको विवेक ने फिल्म की पटकथा लिखने से पहले ही पूरे पैसे दे दिए थे। पैसे पूरे लेने के बावजूद सलीम ने पटकथा पर कई महीनों तक काम नहीं किया।

अपने ऊपर लिया ‘तूफान’ के फ्लॉप होने का दोष

अमिताभ बच्चन ने अपने करियर में बहुत सी फ्लॉप फिल्में दी हैं। उनमें से एक रही वर्ष 1989 में केतन देसाई के निर्देशन में आई फिल्म ‘तूफान’। दर्शकों ने इस फिल्म को पसंद नहीं किया। इस फिल्म के फ्लॉप होने के कई कारण बताए गए।

लेकिन, जब सलीम खान से इस फिल्म के फ्लॉप होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सारा इल्जाम अपने सिर ले लिया।

उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि उन्होंने अमिताभ बच्चन के किरदार को इस फिल्म में गलत तरीके से लिखा।

एक तो उन्होंने अमिताभ के किरदार को गुस्सैल दिखाया और दूसरी तरफ उसे मजाकिया भी बना दिया। ऐसा पहले भी दूसरी फिल्मों में हो चुका था लेकिन यहां कुछ ज्यादा ही हो गया।

‘फलक’ के फ्लॉप होने का कारण

जैकी श्रॉफ, राखी गुलजार, माधवी, सुप्रिया पाठक, अनुपम खेर, किरण कुमार, परेश रावल, विक्रम गोखले, आकाश खुराना जैसे कलाकारों से सजी वर्ष 1988 की फिल्म ‘फलक’ मुहूर्त के दिन से ही खूब चर्चाओं में रही।

फिल्म में बड़े-बड़े कलाकार जो काम कर रहे थे। भले ही फिल्म में भारी-भरकम कलाकार थे लेकिन दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचने में यह फिल्म नाकामयाब रही।

जब यह फिल्म फ्लॉप हो गई तो इसके निर्देशक शशिलाल के नायर ने सारा दोष सलीम खान के सिर मढ़ दिया।

शशिलाल का कहना था कि सलीम खान फिल्म की शूटिंग के दौरान हमेशा उनके मामले में टांग अड़ाते रहते थे।

वह कहते थे कि ऐसा करो और ऐसा मत करो। यही कारण है कि यह फिल्म फ्लॉप हो गई। हालांकि, शशिलाल की बातों पर सलीम ने कभी कुछ नहीं कहा।

‘मिस्टर इंडिया’ के लिए अमिताभ

हिंदी फिल्मों में सलीम जावेद की जोड़ी की अंतिम फिल्म वर्ष 1987 में आई शेखर कपूर की ‘मिस्टर इंडिया’ रही।

सलीम जावेद ने जब इस फिल्म को लिखा तो उनके दिमाग में अमिताभ बच्चन मुख्य अभिनेता और रमेश सिप्पी निर्देशक के रूप में चल रहे थे लेकिन, अमिताभ के साथ बात नहीं बनी और रमेश ने जब इस पटकथा को पढ़ा तो उन्होंने भी इसे बनाने से इनकार कर दिया।

उनकी फिल्म ‘शान’ फ्लॉप हो गई थी। इसलिए, रमेश वैसा ही बड़े बजट का कोई प्रोजेक्ट नहीं करना चाहते थे। इस वजह से सलीम जावेद ने इस फिल्म को ठंडे बस्ते में डालकर अपनी दूसरी फिल्म ‘जमाना’ शुरू की।

जावेद से नाराज हो गए थे सलीम

सलीम जावेद ने वर्ष 1980 में अपनी फिल्म ‘जमाना’ बनाने की योजना बनाई। उन्होंने फिल्म की पटकथा लिखी और इसमें धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन को साथ लाने का फैसला किया।

इस फिल्म के लिए सलीम जावेद निर्माता बनने के लिए भी तैयार थे। लेकिन अमिताभ के साथ उनकी ऐसी बिगड़ी कि सारा मामला ही धरा रह गया।

दिक्कत ‘मिस्टर इंडिया’ फिल्म को बनाने से लेकर ही शुरू हुई थी। अमिताभ बच्चन इन दिनों फिल्मों के अलावा राजनीति पर भी बहुत ध्यान दे रहे थे।

सलीम जावेद को ‘मिस्टर इंडिया’ के लिए अमिताभ बच्चन के मात्र 15 दिन चाहिए थे क्योंकि ज्यादातर वक्त तो अमिताभ को गायब ही रहना था।

रुपये की बात करने के लिए अमिताभ के साथ सलीम जावेद ने एक बैठक की। इस बैठक में अमिताभ की बजाय उनके भाई अजिताभ आए लेकिन, बात बनी नहीं। अमिताभ ने इस फिल्म के लिए भारी रकम की मांग की जिस पर सलीम जावेद तैयार नहीं हुए।

फिर सलीम जावेद ने ‘मिस्टर इंडिया’ का ख्याल त्याग दिया और जमाना पर काम शुरू कर दिया। इसी साल सलीम और जावेद अलग हो गए।

अलग होते ही जावेद वापस अमिताभ के पास चले गए। सलीम को इस बात का बहुत गुस्सा आया क्योंकि, उन्होंने सलीम के सामने अमिताभ के साथ कभी काम न करने की कसम खाई थी।

‘अंगारे’ में किया सलीम खान ने काम

जावेद से अलग होकर सलीम खान ने सबसे पहली पटकथा संजय दत्त की फिल्म ‘नाम’ के रूप में लिखी। हालांकि, हकीकत यह है कि ‘नाम’ रिलीज पहले हो गई थी लेकिन पटकथा सलीम ने पहले राजेश खन्ना की फिल्म ‘अंगारे’ की लिखी।

सलीम और जावेद ने एक साथ राजेश खन्ना की फिल्म ‘हाथी मेरे साथी’ में पटकथा लेखक और संवाद लेखक के रूप में काम किया था। इसके बाद सलीम ने राजेश की फिल्म ‘अंगारे’ पर उसके निर्देशक राजेश सेठी के साथ काम किया।

जावेद से अलग होने के बाद सलीम की यह पहली फिल्म रही। उधर, जावेद ने भी यश चोपड़ा के साथ फिल्म ‘सिलसिला’ में एक गीतकार के रूप में काम किया और ‘मशाल’ की पटकथा भी लिखी।

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