अप्रैल से शनिदेव का हो रहा है गोचर, इन राशियों के लोग हो जाएं सतर्क

ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव का राशि परिवर्तन काफी महत्वपूर्ण माना गया है। शनि गोचर का प्रभाव एक साथ पांच राशियों पर असर डालता है।
शनि के राशि परिवर्तन से कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू होती है, जबकि कुछ राशि वालों पर शनि ढैय्या का असर रहता है।
शनि ग्रह 29 अप्रैल को अपनी स्वराशि कुंभ में गोचर करने जा रहे हैं, जिनका सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ेगा।
जानें शनिदेव की गोचर काल में किन राशियों पर रहेगी तिरछी नजर-
इन राशियों पर रहेगा साढ़ेसाती का प्रभाव-
हिंदू पंचांग के अनुसार, 29 अप्रैल 2022 तक धनु, मकर और कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा।
29 अप्रैल को शनि के कुंभ राशि में गोचर करते ही मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।
जबकि धनु राशि वालों की शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी।
शनि गोचर के साथ ही मकर राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का आखिरी चरण प्रारंभ होगा।
कुंभ राशि वालों पर दूसरा चरण शुरू होगा।
इस दौरान इन राशियों से जुड़े लोगों को आर्थिक, शारीरिक व मानसिक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है।
शनि की वक्री अवस्था-
शनि 12 जुलाई 2022 को एक बार फिर वक्री अवस्था में आ जाएंगे।
वक्री अवस्था में शनि मकर राशि में गोचर करेंगे।
शनि के मकर राशि में गोचर करते ही मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू होगी।
17 जनवरी 2023 तक शनि इसी अवस्था में रहेंगे।
शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय-
1. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार को काली चीजों जैसे उड़द की दाल, काला कपड़ा या काले चने का दान करना चाहिए।
2. शनि की दशा से पीड़ित जातकों को शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
3. शनिवार को शनि मंत्रों का जाप करने से भी लाभ मिलने की मान्यता है।
4. शनि की दशा से पीड़ित जातकों को शनिवार को हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।
डिसक्लेमर: उपरोक्त आलेख में दी गई जानकारियों के पूर्णतया सत्य होने का हमारा दावा नहीं है। कृपया सम्बंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
