इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ ICC का गिरफ्तारी वारंट?
इज़रायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ जल्द ही गिरफ्तारी वॉरंट जारी हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो ICC को मान्यता देने वाले 124 देशों में से किसी एक देश की यात्रा के दौरान नेतन्याहू को गिरफ्तार किया जा सकता है। आइए जानते हैं, क्या है पूरा मामला?
इज़रायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू इस समय गाज़ा और आसपास के फिलिस्तीनी इलाकों में कार्रवाई के चलते दुनियाभर में चर्चा में हैं। 7 अक्टूबर को हमास के इज़रायल पर किए हमले का जवाब देने के लिए इज़रायली सेना ने गाज़ा और आसपास के फिलिस्तीनी इलाकों पर हमले शुरू कर दिए। इज़रायली हमलों में अब तक 34 हज़ार से ज़्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं लेकिन इसी बीच इज़रायली पीएम नेतन्याहू के खिलाफ एक मुश्किल खड़ी हो गई है। खबरों के मुताबिक,अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय उनके खिलाफ (ICC) अरेस्ट वॉरंट जारी कर सकता है।
इजराइल वारंट को जारी होने से रोकने के लिए राजनयिक चैनलों के जरिए काम कर रहा है। इजराइल का सबसे मजबूत साथी अमेरिका ने इस वारंट को रोकने के लिए अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं।
2014 से हो रही जांच
ICC ने अभी तक इस रिपोर्ट की पुष्टि या खंडन नहीं किया है. ICC ने NBC को बताया कि वो फिलिस्तीन की स्थिति के संबंध में एक स्वतंत्र जांच कर रहे हैं और अभी इस स्तर पर कोई और टिप्पणी नहीं कर सकते हैं. ICC ने इजराइल के खिलाफ अपनी इंवेस्टिगेशन 2021 में शुरू की थी. ये जांच 2014 से वेस्ट बैंक और गाजा में इजरायली सेना और फिलिस्तीनी आतंकवादी समूहों के वॉर क्राइम के संबंध में की जा रही है. बता दें 2014 में इजराइल और हमास के बीच एक महीने तक युद्ध चला था.
अमेरिका बोला – हम नहीं करते ICC की जांच को सपोर्ट
अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा है कि आईसीसी एक स्वतंत्र संगठन है और उनके प्रयास अमेरिका के किसी भी संपर्क या हस्तक्षेप के बिना किए जा रहे हैं। दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपित जो बाइडेन के हवाले से व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा है कि इस स्थिति में आईसीसी का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है और हम इसकी जांच का विरोध करते हैं।
एक बड़ा सवाल यह है कि अगर आईसीसी इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ वॉरंट जारी करता है, तो क्या होगा। इसको लेकर इंग्लैंड में एक्सेस यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल लॉ के लेक्चरर मैथ्यू गिललेट ने कहा कि जिसके खिलाफ वॉरंट जारी होता है, वह 120 से अधिक उन देशों की यात्रा नहीं कर सकता है, जो कि आईसीसी के सदस्य हैं। ऐसा किया तो वह व्यक्ति गिरफ्तार भी हो सकता है।