Pune Car Accident: शराब में उड़ाये 48 हजार, लेकिन लग्जरी कार का रजिस्ट्रेशन नहीं, हैरान कर देगी केस से जुड़ी ये बातें..

Pune Porsche Car Accident: महाराष्ट्र के पुणे में एक रईस नाबालिग अपने दोस्तों संग पार्टी करता है। शराब के नशे में पिता की करोड़ों की पोर्श कार से निकलता है और एक बाइक को टक्कर मार देता है। इस हादसे में बाइक पर सवार दो युवा इंजीनियर की मौत हो जाती है। हालांकि, आरोपी नाबालिग है, इसलिए उसे 15 घंटे के भीतर ही जमानत भी मिल जाती है। जमानत की शर्त भी ऐसी कि नया मोटर व्हीकल एक्ट सवालों के घेरे में आ गया है। पुणे में हुए इस हिट एंड रन केस मामले में पुलिस फिलहाल जांच कर रही है, लेकिन इस मामले में कई ऐसी बातें निकलकर सामने आई हैं जो हैरान कर देने वाली हैं.

शराब उड़ाने के लिए 48 हजार, रजिस्ट्रेशन के लिए 1758 नहीं
इस मामले की जांच के दौरान कई हैरान करने वाले फैक्ट सामने आए हैं. मसलन, नाबालिग आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर महज 90 मिनट में 48 हजार रुपये की शराब गटक ली लेकिन इस लग्जरी कार के रजिस्ट्रेशन के लिए 1758 रुपये का भुगतान बांकी था.

VIP नंबर प्लेट के लिए खर्चे गए थे 45 हजार रुपये
पुलिस की जांच में पता चला है कि जिस कार से यह हादसा हुआ है उसपर VIP नंबर प्लेट लगा हुआ था. जांच में पता चला है कि इस नंबर प्लेट के लिए कार के मालिक ने 45 हजार रुपये चुकाए थे. अब ऐसे में रिजस्ट्रेशन के पैसे का पेंडिंग रहना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है.

रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया तक नहीं की गई थी पूरी
एक अधिकारी ने बताया कि इस पोर्श कार को मार्च में बेंगलुरु के एक डीलर ने आयात की थी. वहां से इसे अस्थायी रजिस्ट्रेशन पर महाराष्ट्र भेजा गया था. जब इसे पुणे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में प्रस्तुत किया गया, तो पता चला कि रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान नहीं किया गया है. इसके बाद कार मालिक को इसका भुगतान करने के लिए कहा गया. हालांकि, उसके बाद पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करने के लिए वाहन आरटीओ नहीं लाया गया.”

पुलिस को भी मैनेज करने की हुई कोशिश
सूत्रों के अनुसार इस घटना के सामने आने के बाद आरोपी ने अपने पैसे का रौब दिखाते हुए मामले को रफा करने के लिए पुलिस को कई ऑफर देने की कोशिश भी की थी. लेकिन पुलिस के सामने उसका कोई पैतरा काम नहीं आया.

परीक्षा में पास होने की ये कैसी खुशी
पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी ने अपने दोस्तों के साथ पहले अलग-अलग पब्स में बैठकर पार्टी की. यह पार्टी परीक्षा में पास होने को लेकर दी जा रही थी. उसके बाद नशे में धुत होने के बाद भी कार खुद चलाने की बात की. और 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से कार को चलाते हुए उसने बाइक सवार को टक्कर मार दी.

कानून तो है मगर न्याय के लिए लंबा इंतजार
रोड सेफ्टी एक्सपर्ट रोहित बलूजा के अनुसार, नाबालिग ड्राइवरों की ओर से किए गए हादसों को देखते हुए केंद्र सरकार ने मोटर वीइकल एक्ट में कई प्रावधान तो किए थे। पर अभी तक ऐसे मामलों में कोई प्रभावी सुनवाई नहीं हुई है। यह चलन खतरनाक है क्योंकि अधिकांश अमीर लोग सोचते हैं कि वे हर चीज को एक कीमत पर खरीद सकते हैं।

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