Jammu News: ‘पश्मीना मार्च’ से पहले लेह में धारा 144 लागू, जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश किया जारी

Ladakh Protest: क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने लेह में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी की LAC से लगे इलाकों में पश्मीना मार्च निकालने का ऐलान किया। 7 अप्रैल को निकाले जाने वाले पश्मीना मार्च में हजारों लोगों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है जिसको ध्यान में रखकर लद्दाख के जिला लेह में शुक्रवार को धारा 114 लागू कर दी गई।

इमेज क्रेडिट: सोशल मीडिया

Leh Ladakh: लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर 21 दिन लंबी भूख हड़ताल कर चुके क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक अपने कदम पीछे हटाने को तैयार नहीं है। अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी वे अपनी मांगों पर डटे हुए हैं। अपनी मांगो को नया रुख देने के लिए उन्होंने 7 अप्रैल को पश्मीना मार्च निकालने का ऐलान किया है। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) संतोष सुखदेव ने इसे लेकर आदेश जारी किया है।

आदेश में बताया गया है कि उन्हें विश्वसनीय जानकारी मिली है कि जिले में शांति और व्यवस्था के संभावित उल्लंघन की संभावना है। किसी भी गड़बड़ी को रोकने और मानव जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीआरपीसी 1973 की धारा 144 लागू की गई है। आदेश में जिला मजिस्ट्रेट की पूर्व लिखित मंजूरी के बिना जुलूस, रैलियाें या मार्च के आयोजन पर रोक लगाई गई है।

शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए लगाई धारा 144

क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने लेह में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी की LAC से लगे इलाकों में पश्मीना मार्च निकालने का ऐलान किया। 7 अप्रैल को निकाले जाने वाले पश्मीना मार्च में हजारों लोगों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है, जिसके चलते लद्दाख प्रशासन ने लेह में धारा 144 लागू कर दी है। इससे पहले लेह के जिला मजिस्ट्रेट संतोष सुखदेव की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि, जिले में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए यह धारा लगाई गई है।

प्रशासन के आदेश पर भड़के सोनम वांगचुक

जिले में धारा 144 लगाने के आदेश पर सोनम वांगचुक ने प्रशासन पर निशाना साधा और उनके आदेशों की कड़ी निंदा की है। वांगचुक ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा, शायद प्रशासन को किसी भी कीमत पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया है। 31 दिनों से अनशन चल रहा है और कोई घटना नहीं हुई। फिर भी लोगों को पुलिस स्टेशनों में ले जाया जा रहा है और शांति भंग होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है, मुझे डर है कि इससे वास्तव में शांति भंग हो सकती है।

वांगचुक को मिल रहा लोगों को समर्थन

सोनम वांगचुक ने लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर 26 मार्च से 21 दिवसीय भूख हड़ताल शुरू की थी। उनकी मांग है कि लद्दाख को राज्य का दर्जा देने के साथ ही उसे संविधान की छठी अनुसूची में भी शामिल किया जाए। उनकी 21 दिनों की भूख हड़ताल 27 मार्च को समाप्त हुई थी। इसके बाद सोनम वांगचुक ने महिलाओं के एक समूह के साथ 10 दिनों की भूख हड़ताल शुरू की। उनकी इस हड़ताल को लेह और कारगिल में लोगों का बड़ा समर्थन मिला था।

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