Health tips: ज्यादा वॉक करना कितना सही; ज्यादा चलने का क्या है नुकसान

हेल्थ सर्वे रिपोर्ट्स के अनुसार पैदल चलना यानी वॉक करना एक अंडररेटेड एक्सरसाइज है। मतलब इस एक्सरसाइज को हर कोई हल्के में लेता है। उन्हें लगता है कि वाकई इससे कोई फायदा होगा या नहीं। हकीकत में इसके कई फायदे हैं।

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इसके साथ वॉक को लेकर एक और कंफ्यूजन अक्सर बना रहता है। वो ये कि किसी व्यक्ति को रोज कितना चलना चाहिए। इंटरनेट पर इसका जवाब अगर तलाशें तो कहीं 5,000 कदम, कहीं 8,000, तो कहीं 10,000 कदम लिखा मिलता है।

क्या कहता है शोध

यूरोपीयन जर्नल ऑफ़ प्रीवेंटिव कार्डियोलॉजी में छपे एक शोध के मुताबिक़, एक दिन में अगर आप कम से कम 3967 क़दम चलते हैं तो आप कम उम्र में मौत होने के ख़तरे को कम कर सकते हैं.

इस शोध में यह भी कहा गया है कि सिर्फ़ 2337 क़दम चलने से हृदय रोग से मरने का ख़तरा पचास फ़ीसद तक कम हो सकता है.

शोधकर्ताओं का कहना है कि जितना ज़्यादा आप चल सकें उतना अधिक फ़ायदेमंद होता है. ये शोध दुनियाभर के 2,26,000 लोगों पर किया गया है.शोध के मुताबिक़, 4000 क़दमों के बाद जितने हज़ार क़दम आप और चलते हैं, तो ये आपकी उम्र को 15 प्रतिशत तक और बढ़ा सकता है.

पोलैंड की लॉड्ज़ मेडिकल यूनिवर्सिटी और अमेरिका की जॉन हॉप्किंस यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ़ मेडिसिन की रिसर्च टीम ने पाया कि चलना सभी के लिए लाभदायक है, चाहे वो दुनिया के किसी कोने में रहते हों और किसी भी उम्र के क्यों ना हों.

इस शोध का हिस्सा रहे लॉड्ज़ यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर माचे बनाख़ के मुताबिक़, भले ही दुनिया भर में उपचार के लिए दवाओं का उत्पादन बढ़ रहा हो लेकिन सिर्फ़ दवा ही इलाज का कारगर उपाय नहीं है.

वो कहते हैं, ”हमें अपने जीवनशैली को बदलने पर ध्यान देना चाहिए, जैसे कि हमारा खान-पान, व्यायाम. यही हमारे अध्ययन की अहम बात है. लंबी उम्र और हृदय संबंधी रोगों के ख़तरों को कम करने के लिए वॉकिंग, दवा जितना या उससे भी ज्यादा कारगर साबित हो सकता है.”

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शोध पर विशेषज्ञों की राय

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े के मुताबिक़, बिना किसी फ़िज़िकल एक्टिविटी के हर साल दुनिया भर में 32 लाख लोगों की मौत होती है. ये दुनियाभर में होने वाली मौतों का चौथा सबसे बड़ा कारण है.

ब्रिटेन के बेडफ़ोर्डशायर अस्पताल एनएचएस ट्रस्ट में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नरेंद्र कुमार कहते हैं कि चलना हमेशा से हमारे दिनचर्या का हिस्सा रहा है. हमारे बड़े-बूढ़े भी कहते थे कि चला फिरा करो तो तंदुरुस्त रहोगे.

वो कहते हैं, ”इस रिसर्च ने ये बात फिर से फ़ोकस में ला दी है. आप अगर किसी तरह का व्यायाम नहीं कर सकते तो कम से कम इतना तो चलें हीं. अमूमन देखा गया है कि जिन लोगों का वज़न ज़्यादा होता है वो कहते हैं कि अरे! हम इतना कैसे चलेंगे. लेकिन आप अगर कम क़दमों के साथ भी शुरुआत करते हैं तब भी अच्छा है क्योंकि शुरुआत तो हुई.”

नरेंद्र कुमार कहते हैं कि दिक़्क़त तब आनी शुरू होती है जब हम बहुत लंबे समय तक बैठे रहते हैं.

लेकिन जानी मानी डायटिशियन और वन हेल्थ कंपनी की फ़ाउंडर शिखा शर्मा इससे अलग राय रखती हैं.

वे कहती हैं, ”4000 कदम बहुत कम है. इतना सिर्फ़ ज़िंदा रहने के लिए ठीक है. यह वैसा ही है जैसा आप न्यूनतम नंबर से पास हो जाएं, लेकिन इससे आप स्वस्थ नहीं होंगे बस सर्वाइव कर पाएंगे. ये बस पासिंग मार्क्स हैं. अगर आप ये सोच रहे हैं कि आप दिन के 4000 कदम चल कर बहुत फ़िट हो जाएंगे या फिर आपका वज़न कम हो जाएगा तो ये ग़लत है. इसके लिए आपको और मेहनत करनी पड़ेगी.”

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चलने के फ़ायदे

चलने के फ़ायदे गिनाते हुए डॉक्टर नरेंद्र कहते हैं, ”इंसान की ताक़त छोटी-छोटी चीजों से बनती है. बिना किसी शारीरिक गतिविधि के आपका मेटाबॉलिज़म रेट कम होने लगता है, जिसका धीरे धीरे असर आपकी मांसपेशियों पर नज़र आने लगता है.”

”बहुत सारे फ़ैक्टर्स हैं जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं. मसलन हमारे आस पास के रंग हमारे हेल्थ पर असर डालते हैं. घर से बाहर जा कर टहलने से हरियाली नज़र आती है, ऑक्सीजन ज़्यादा मात्रा में मिलती है, ये सब चीजें आपके तनाव को कम करती हैं. लेकिन अगर बाहर का वातावरण प्रदूषित है तो बाहर जाकर चलने से परहेज़ किया जा सकता है. लेकिन एक्सर्साइज़ करनी ज़रूरी है.”

वे कहते हैं, ”चलना आपके रक्तचाप को कम कर सकता है, आपकी मांसपेशियां मज़बूत कर सकता है. चलने से आपकी ऊर्जा का स्तर बढ़ता है. नियमित व्यायाम से आपका शरीर एंडोर्फ़िन, डोपामाइन और सेरोटोनिन हॉर्मोन रिलीज़ करता है जो आपके स्ट्रेस लेवल को कम कर देता है.”

क्या पैदल चलना सबके लिए फ़ायदेमंद है?

शरीर पर एक्सरसाइज़ के फ़ायदों पर हुए शोध में ये पाया गया है कि चलने से आपके सिर्फ़ शरीर ही नहीं बल्कि आपके मेंटल हेल्थ को भी लाभ होता है. मधुमेह के मरीज़ों के लिए भी चलना बहुत फ़ायदेमंद है, इससे उनके शुगर नियंत्रण में रहने में मदद मिलती है.

डॉक्टर नरेंद्र कहते हैं, ”इसमें कोई शक नहीं है अमूमन ज़्यादातर लोगों को चलने से कोई दिक़्क़त नहीं होती, पर हां हमें इन चीज़ों का भी ध्यान रखना चाहिए कि अगर आपको कोई मेडिकल कंडिशन है या फिर डॉक्टर ने सलाह दी हैं कि आप ना चलें तो फिर डॉक्टर की सलाह माननी चाहिए.

आप अपनी क्षमताओं को जानिए और फिर उस पर काम कीजिए. ऐसा नहीं होना चाहिए कि आप पहले दिन ही जा रहे हैं वॉकिंग पर और पहले दिन ही आप 5000 कदम चल लें.”

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