मायावती ने बागी विधायकों को किया बाहर, सपा से गठबंधन को माना गलती
मायावती ने कहा, सपा को हराने के लिए भाजपा को भी दे सकते है वोट
लखनऊ। उप्र में राज्यसभा चुनाव को लेकर मचे घमासान के बीच बसपा प्रमुख मायावती ने सात बागी विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
इन विधायकों पर पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार राम जी गौतम के खिलाफ बगावत करने का आरोप है। इस संबंध में विधायक दल के नेता लालजी वर्मा ने अपनी रिपोर्ट मायावती को सौंपी थी।
बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सपा को हराने के लिए बसपा पूरी ताकत लगा देगी। विधायकों को बीजेपी समेत किसी भी विरोधी पार्टी के उम्मीदवार को वोट क्यों न देना पड़ जाए।
मायावती ने कहा कि हम किसी दूसरे दल से नहीं मिले हैं। हम पर लगे सभी आरोप गलत हैं। मायावती ने समाजवादी पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया।
मायावती ने कहा कि 1995 गेस्ट हाउस कांड का मुकदमा वापस लेना गलती थी, चुनाव प्रचार के बजाय अखिलेश यादव मुकदमा वापस कराने में लगे थे, 2003 में मुलायम ने बसपा तोड़ी उनकी बुरी गति हुई, अब अखिलेश ने यह काम किया है, उनकी बुरी गति होगी।
यह भी पढ़ें
उप्र रास चुनाव: सपा ने चल दी चाल, बसपा को लगा झटका
उप्र में चल रही पत्र राजनीति, प्रियंका गाँधी ने लिखा सीएम योगी को पत्र
मायावती ने कहा कि सपा में परिवार के अंदर लड़ाई थी, जिसकी वजह से गठबंधन कामयाब नहीं हुआ। सपा से गठबंधन का हमारा फैसला गलत था।
मायावती ने बागी विधायकों ने बारे में कहा कि सभी 7 विधायक निलंबित किए गए हैं। बागी विधायकों की सदस्यता रद्द की जाएगी। ये षड्यंत्र कामयाब नहीं होगा। एमएलसी के चुनाव में सपा को जवाब देंगे।
ये हैं सात बागी विधायक
असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती)
असलम अली (ढोलाना-हापुड़)
मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद)
हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज)
हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर)
सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर)
वंदना सिंह -( सगड़ी-आजमगढ़)