
नहीं रहा नक्सलियों का ‘यमराज’… गार्ड ऑफ़ ऑनर के साथ दी गई अंतिम विदाई
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सीआरपीएफ की 228वीं बटालियन ने अपने वीर डॉग रोलो को भावभीनी विदाई दी. दो साल का रोलो, जिसे नक्सलियों के लिए ‘यमराज’ कहा जाता था, 27 अप्रैल 2025 को शहीद हो गया.
रोलो की मृत्यु का कारण 200 मधुमक्खियों के हमले के बाद हुआ एनाफिलेक्टिक शॉक बताया गया. यह दुखद घटना छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर करेगुट्टा हिल्स में एक विशेष अभियान के दौरान हुई.
स्पेशल ऑपरेशन में था शामिल
दरअसल छत्तीसगढ़ और तेलंगाना बॉर्डर पर स्थित करेगुट्टा हिल्स में नक्सलियों के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन चल रहा था। के9 रोलो ड्यूटी खत्म करके एक जवान के साथ घर वापस लौट रहा था, तभी जंगल में मधुमक्खी का छत्ता मिला। मधुमक्खियों ने जवान और के9 रोलो पर हमला बोल दिया। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चलाया जा रहा है। सीआरपीएफ समेत कई बटालियन इस ऑपरेशन का हिस्सा
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एनाफिलेक्टिक शॉक के कारण हुई रोलो की मौत
मधुमक्खियों के डंक का शिकार के9 रोलो ने एनाफिलेक्टिक शॉक के कारण दम तोड़ दिया। 27 अप्रैल को उसे मृत घोषित कर दिया गया था। वहीं, अब सीआरपीएफ के जवानों ने के9 रोलो का अंतिम संस्कार किया है, जिसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आई है। के9 रोलो को गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए दफनाया गया है।
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यह घटना न केवल रोलो की वीरता को दर्शाती है, बल्कि उन खतरों को भी उजागर करती है, जिनका सामना सुरक्षाबल और उनके साथी जानवर नक्सल प्रभावित इलाकों में करते हैं. मधुमक्खियों का हमला एक अप्रत्याशित खतरा था, जिसने एक बहादुर योद्धा को छीन लिया. रोलो की शहादत ने सीआरपीएफ के जवानों को गहरा दुख पहुंचाया, लेकिन उनकी वीरता और समर्पण हमेशा याद रखा जाएगा.
देश की सुरक्षा के लिए खतरे में डालते हैं अपनी जान
रोलो जैसे डॉग्स सीआरपीएफ के लिए सिर्फ साथी नहीं, बल्कि परिवार का हिस्सा होते हैं. वे खतरनाक अभियानों में जवानों के साथ कंधे से कंधा
मिलाकर चलते हैं. रोलो की यह कहानी हमें उन अनाम नायकों की याद दिलाती है, जो देश की सुरक्षा के लिए हर पल अपनी जान खतरे में डालते हैं. उसकी शहादत हर किसी के लिए एक प्रेरणा है.
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