अब NDA को 300 का इंतज़ार… क्या I.N.D.I.A. भी बना सकती है सरकार?
Election Result 2024: लोकसभा की 542 सीटों के लिए वोटों की गिनती (Lok Sabha Election Result 2024) जारी है. रुझानों के मुताबिक NDA को 300 से कम सीटें मिलती नजर आ रही है तो वहीं, बीजेपी को 250 से कम सीटें मिलती दिख रही है. अब सवाल है कि बीजेपी के लिए उनके सहयोगी दल कितने अहम होंगे. सरकार बनाने में नीतीश कुमार की जेडीयू, आरएलडी की जयंत चौधरी, चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी का अहम रोल होगा. बहुमत का आंकड़ा 272 है। भाजपा गठबंधन को मेजॉरिटी मिलती दिख रही है, लेकिन क्या INDIA के भी सरकार बनाने की संभावना है
क्या हो सकता है मौजूदा सियासी गणित
देश में लोकसभा की कुल सीटें 543 सीटें हैं जिसमें सर्कार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 272 है। अभी तक के रुझान दिख रहे है उसमे NDA को 298 सीट मिलते दिख ररहे हैं तो वंही INDIA को 200 से ज्यादा सीटों पर आगे चल रहे है। ऐसे में इन्डिया गठबंधन बहुमत से ज्यादा दूर नहीं है। राजनितिक गणितज्ञ यह अनुमान लगा रहे कि यदि इंडिया गठबंधन NDA को फोड़ने में कामयाब हुई तो सरकार बना सकते है।
अब सवाल यह है कि NDA में कौन-कौन सी संभावित पार्टी है जो INDIA में जा सकती है तो ऐसे में बहुमत के लिए उसे मौजूदा सीट शेयरिंग से बाहर भी पार्टनर खोजने होंगे। है बड़े संभावित पार्टनर्स …
जदयू : 15 सांसद
बिहार में भाजपा ने जनवरी 2024 में जदयू के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। इससे पहले नीतीश राजद और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार के मुखिया थे। नीतीश ने ही INDIA ब्लॉक की पहली बैठक पटना में आयोजित की थी। नीतीश ने गठबंधन छोड़ा, तब भी लालू ने उनकी वापसी की संभावना जताई थी। ऐसे में अगर INDIA ब्लॉक नीतीश को अच्छी पोजिशन ऑफर करता है, तो उनकी वापसी हो सकती है।
तेलुगू देशम : 16 सांसद
आंध्र प्रदेश में भाजपा और तेलुगू देशम पार्टी (TDP) साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। राज्य विधानसभा की कुल 175 सीटों में से TDP को 130 से ज्यादा पर जीत मिलने के आसार है, वहीं भाजपा 7 सीटों पर आगे है। लोकसभा इलेक्शन में TDP के 16 सांसद जीत के करीब हैं।
दक्षिण में TDP के असरदार प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नायडू को साथ लाने की कोशिश कर सकती है। इसके बदले चंद्रबाबू आंध्र को विशेष दर्जा मांग सकते हैं। TDP के कांग्रेस के साथ आने की संभावना यह भी है कि लोकसभा चुनाव से महज 9 महीने पहले सितंबर 2023 में नायडू को 14 दिन के लिए जेल भेजा गया था।
वायएसआर कांग्रेस : 4 सांसद
तेलंगाना के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन शर्मिला कांग्रेस में शामिल हो चुकी हैं। केंद्र में सरकार बनने की स्थिति में कांग्रेस उन्हें भाई को गठबंधन के साथ लाने की जिम्मेदारी सौंप सकती है। रेड्डी के पिता वायएस राजशेखर रेड्डी कांग्रेस के बड़े नेता रहे हैं। ऐसे में जगन मोहन को पुराने संबंधों का हवाला देकर INDIA गठबंधन के साथ आने को कहा जा सकता है।
बीजू जनता दल : 1 सांसद
ओडिशा में 2000 से बीजू जनता दल की सरकार है। इस बार विधानसभा की 147 सीटों में से 74 पर भाजपा जीत सकती है, जो बहुमत के बराबर है। वहीं नवीन पटनायक की पार्टी बीजद को 55 और कांग्रेस को 14 सीटें मिल रही हैं। लोकसभा में बीजद के पास कुल 1 सीट आ रही है, ऐसे में वह INDIA गठबंधन के साथ आगे बढ़ सकती है।
क्या टीडीपी बदलेगी सियासी पाला ?
आंध्र प्रदेश के सियासी बाजी पलटने वाले टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू 2024 के किंगमेकर बनकर उभरे हैं. चंद्रबाबू नायडू ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़े हैं और 16 सीटें जीतने की स्थिति में है. नायडू 1998 में बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर एनडीए का हिस्सा बने थे, जिसके बाद से वो 2018 तक दोस्ती रखी. आंध्र प्रदेश के विशेष राज्य का दर्ज देने की मांग कर बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया और विपक्षी खेमे का हिस्सा बने. 2019 में कांग्रेस के संग मिलकर लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़े. हालांकि, चंद्रबाबू नायडू चुनाव नहीं जीत सके जबकि 2019 में बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एक लाने के लिए काफी मशक्कत की थी.
एनडीए के लिए नीतीश कुमार कितना अहम?
बिहार में भी बीजेपी 2019 के मुकाबले पिछड़ गई है, हालांकि जेडीयू ने यहां अच्छा प्रदर्शन किया है. बिहार में एनडीए गठबंधन में बीजेपी की सीटें फंस गई हैं. जेडीयू जहां लड़े 16 में से 14 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं बीजेपी सिर्फ 9 सीटों पर बढ़त बनाती दिख रही है. बीजेपी ने बिहार में 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था.
नीतीश कुमार की जेडीयू बिहार में एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी. जेडीयू अपने कोटे की सभी सीटें जीतती हुई दिख रही है. नीतीश कुमार के 15 से 16 सांसद जीतकर आ सकते हैं. इसी तरह आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी भी बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ी है. टीडीपी भी 15 से 16 सीटें जीतती हुई नजर आ रही है. एनडीए में बीजेपी के बाद जेडीयू और टीडीपी ही सबसे बड़े दल के तौर पर हैं. एनडीए से अगर दोनों अलग हो जाते हैं तो फिर बीजेपी के लिए तीसरी बार सरकार बनाना मुश्किल हो जाएगा.यह भी
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