गाजीपुर से नुसरत अंसारी होंगी सपा की उम्मीदवार..

समाजवादी पार्टी अगले कुछ दिनों में गाजीपुर लोकसभा सीट पर फैसला ले सकती है. अफजाल अंसारी ने एक बैठक में अपनी बड़ी बेटी नुसरत अंसारी को सांकेतिक तौर पर अपना उत्तराधिकारी घोषित किया. हाईकोर्ट से अफजाल अंसारी को राहत नहीं मिलती है तो उनकी बेटी यहां से चुनाव लड़ सकती है.

Ghazipur Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश की 16 सीटों पर मतदान हो चुके हैं और 64 अन्य निर्वाचन क्षेत्रों पर वोटिंग बाकी है. इन सबके बीच गाजीपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की चर्चा जोरों पर है.

एक ओर जहां अफजाल इन दावों को खारिज कर चुके हैं कि उनका टिकट कटेगा, वहीं नुसरत अंसारी के प्रचार मैदान में उतरने और तस्वीरें सामने आने के बाद कयासों और अटकलों का दौर शुरू हो गया है.

नुसरत की सक्रियता विरोधियों को हैरान कर रही है. वह मुस्लिम बस्तियों में न जाकर मंदिरों में पहुंच रही हैं. पहले भगवान भोले को खुश करने के लिए शिवचर्चा में भाग लिया. प्रसाद ग्रहण किया. महिलाओं का हाल चाल पूछा. जैसे ही यह फोटो सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर वायरल हुई, भाजपा सर्तक हो गई. कहा जा रहा है कि अंसारी परिवार ने इमोशनल कार्ड खेलकर हिंदू वोट बैंक में सेंधमारी की प्लानिंग की है. हालांकि दो मई से हाईकोर्ट में अफजाल अंसारी के सजा के मामले में सुनवाई होगी. माना जा रहा है कि अगर सजा बरकरार रहती है तो नुसरत अफजाल की विरासत संभालने के लिए मोर्चा संभाल लेंगी.

बीते कई दिनों से यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर अफजाल के चुनाव लड़ने पर सस्पेंस क्यों हैं? तो आइए हम इस बारे में भी आपको बताते हैं. दरअसल, अफजाल बीते साल एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगेस्टर मामले में 4 साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद उनकी सदस्यता रद्द हो गयी थी.

2 मई को इलाहाबाद हाइकोर्ट में इस मामले में सुनवाई होनी है. दूसरी ओर 7 मई से गाजीपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में नामांकन शुरू होना है. अगर अफजाल की सजा हाइकोर्ट से बहाल होती है तो सपा प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ पायेंगे. अगर सुनवाई की तारीख आगे बढ़ती है और अफजाल चुनाव लड़ते हैं तब भी उनके ऊपर तलवार लटकती रहेगी.

ऐसे में अटकलें हैं तो इस चुनाव में अफजाल की बेटी मैदान में उतर सकती हैं. नुसरत का सपा कार्यालय पर आना और चुनाव प्रचार में शामिल होना इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.

अब आखिरी फैसला सपा प्रमुख अखिलेश यादव को करना है कि क्या वह अफजाल पर ही दांव लगाएंगे या अदालती फैसले के संदर्भ में सपा नेता की बेटी को टिकट देंगे. दरअसल, अंसारी परिवार से अब्बास अंसारी फिलहाल विधायक हैं. वहीं उनके कजिन मन्नू अंसारी भी विधायक हैं.

इकलौते उमर हैं जो अभी तक कोई चुनाव नहीं लड़े हैं लेकिन माना जा रहा है कि उनके खिलाफ दर्ज मामलों को ध्यान में रखते हुए सपा उन्हें टिकट के लिए उपयुक्त मानने से बच रही है. वहीं मुख्तार की पत्नी अफ्शां फिलहाल फरार हैं. अब्बास की पत्नी निकहत भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जमानत पर है. ऐसे में सपा के पास अंसारी परिवार के भीतर उम्मीदवार बनाने का विकल्प सीमित है.

हालांकि सूत्रों का दावा है कि सपा ऐसे चेहरे पर विचार कर रही है जिस पर बीजेपी को ज्यादा आक्रामक होने का मौका न मिले और गाजीपुर सीट पर वह चुनाव जीत सके. बीजेपी ने इस सीट से पारस नाथ राय को उम्मीदवार बनाया है.

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पूरे मुद्दे पर सपा प्रमुख अंतिम फैसला कब करते हैं या वह अफजाल की उम्मीदवारी को ही आगे बढ़ाने का निर्णय करेंगे. गाजीपुर लोकसभा सीट पर 1 जून को मतदान होगा और 4 जून को परिणाम आएंगे.

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