Bali में पानी की प्लास्टिक बोतलों पर लगेगी रोक… गवर्नर ने की नई नीति की घोषणा

Indonesia News: इंडोनेशिया के टूरिस्ट आइलैंड बाली में एक लीटर से कम की पानी की बोतलों के प्रोडक्शन में रोक लगाने की योजना बनाई जा रही है, ताकि इस आइलैंड पर ‘प्लास्टिक पॉल्यूशन’ को कम किया जा सके।

‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ की रिपोर्ट के मुताबिक बाली के अधिकारियों और कई प्रमुख बोतलबंद पानी उत्पादकों के बीच पिछले महीने बाली की राजधानी देनपसार में एक बैठक हुई। यहां गवर्नर आई वायन कोस्टर ने आधिकारिक तौर पर नई नीति की घोषणा की, जो अगले साल जनवरी में लागू होने वाली है।

आई वायन कोस्टर ने जोर देकर कहा कि इस योजना को केंद्र सरकार का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा, “व्यवसायों को तुरंत अपना प्रोडक्शन बंद कर देना चाहिए और बचे हुए स्टॉक को बेच देना चाहिए। अगले साल तक, एक लीटर से कम की पानी की बोतलें अब बाली में नहीं बेची जाएंगी।”

कोस्टर ने कहा कि आइलैंड में लगभग सभी लैंडफिल साइट्स पूरी क्षमता पर पहुंच गई हैं। इस कचरे में अधिकतर सिंगल-यूज प्लास्टिक, खासतौर पर पानी की बोतलें शामिल हैं।

कोस्टर ने उम्मीद जताई कि यह नीति बाली को पर्यावरण के अनुकूल नीतियों को अपनाने में इंडोनेशिया के अन्य क्षेत्रों के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेगी। उन्होंने कहा, “बाली अपनी संस्कृति और प्रकृति के लिए जाना जाता है। अगर यह कचरे से भरा हुआ है, तो यहां कौन आएगा? अगर सैलानी यहां नहीं आते हैं, तो देश की आर्थिक तरक्की रूक जाएगी।”

यह भी पढ़ें…

Superbug से निपटने के लिए ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने शुरू की नई तकनीक

अप्रैल में बाली प्रशासन की ओर से इस मुद्दे पर एक सर्कुलर जारी किया गया था। इसके अंतर्गत सरकारी कार्यालयों, व्यवसायों और बाजारों, सार्वजनिक संस्थानों और पूजा स्थलों में प्लास्टिक बैग और प्लास्टिक स्ट्रॉ सहित सिंगल-यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन लगाया गया था।

इसके अलावा, इन स्थानों के मैनेजमेंट में उचित अपशिष्ट और प्रदूषण प्रबंधन प्रणाली होनी चाहिए, यह भी आदेश जारी हुआ था। उदाहरण के लिए, कचरे को छांटना, जैविक पदार्थों से खाद बनाना और अकार्बनिक कचरे का पुनर्चक्रण करना।

इस घोषणा का अनुपालन नहीं करने पर व्यवसाय परमिट रद्द हो जाएगा। इस बीच, नीति का पालन करने में विफल रहने वाले गांवों को सार्वजनिक सहायता से वंचित होना पड़ेगा।

यह भी पढ़ें…

अमेरिका की दोगली भूमिका! आतंकवाद का विरोध… फिर क्यों पाकिस्तान का सपोर्ट?

पर्यावरण मंत्रालय द्वारा संचालित नेशनल वेस्ट मैनेजमेंट इंफोर्मेशन के अनुसार पिछले साल बाली में कचरे का ढेर 1.2 मिलियन टन तक पहुंच गया, जिसमें सबसे बड़ा योगदान डेनपसार का था। डेनपसार ने लगभग 3,60,000 टन कचरे का उत्पादन किया।

फरवरी में जकार्ता स्थित ऊर्जा और जलवायु नीति थिंक टैंक, इंस्टीट्यूट फॉर एसेंशियल सर्विसेज रिफॉर्म (आईईएसआर) ने रिपोर्ट जारी की, जिसमें बताया गया कि बाली में अपशिष्ट उत्पादन में 2000 से 2024 तक 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसका मुख्य कारण समुदाय के अधिकांश लोगों के बीच अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में जागरूकता की कमी है।

यह भी पढ़ें…

ज्वेरेव को हराकर करियर का 51वां ग्रैंड स्लैम सेमीफाइनल जीते जोकोविच

Back to top button