आलीशान ट्रेन से यूक्रेन जायँगे पीएम मोदी… यूक्रेन-रूस युद्ध पर कह दी ये बड़ी बात
PM Modi Ukraine Visit: भारत बुद्ध की विरासत वाली धरती है, जो युद्ध नहीं, शांति पर विश्वास करती है। इसलिए, भारत इस रीजन में भी स्थाई शांति का एक बड़ा पैरोकार है। भारत का मत एकदम साफ है, ये युद्ध का युग नहीं है। पोलैंड की राजधानी वॉरसा की धरती से जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया को यह संदेश दिया तो यह कहा जाने लगा कि क्या मोदी रूस और यूक्रेन के बीच जंग रुकवा सकते हैं? क्या मोदी शांति दूत हैं? क्यों विदेश जाकर वो बुद्ध की बात कर रहे हैं। मोदी पोलैंड से यूक्रेन भी जाएंगे।
पीएम मोदी गुरुवार रात यूक्रेन के लिए रवाना होंगे। वे यह सफर प्लेन से नहीं बल्कि ट्रेन के जरिए तय करेंगे। यह एक विशेष ट्रेन होगी, जिसका नाम ‘रेल फोर्स वन’ है। इसे लग्जरी सुविधाओं और वर्ल्ड क्लास सर्विस के लिए जाना जाता है।
PM मोदी 10 घंटे इस ट्रेन में रहकर कीव पहुंचेंगे। उन्हें वापस लौटने में भी इतना ही समय लगेगा। दरअसल, यूक्रेन में चल रही जंग की वजह से एयरपोर्ट्स बंद हैं, सड़क से सफर जोखिम भरा हो सकता हैं।
मोदी का यूक्रेन दौरा जरुरी क्यों?
वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस यूक्रेन दौरे के भी बड़े मायने निकले जा रहे हैं। विदेशी मामलों के जानकार इसे एक बड़े कूटनीतिक कदम के रूप में देख रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिलने के बाद यूक्रेन दौरा इस लिए कर रहे है। जिससे फिर यह साबित हो जाए कि भारत किसी एक पक्ष कि साइड नहीं ली है। बल्कि उसका कोशिश तो युद्ध रोकने की है। वो तो बस सबके बीच शांति स्थापित करना चाहता है। 30 साल में ये पहली बार है, जब कोई भारतीय पीएम यूक्रेन दौरे पर होगा। इस दौरे से ये भी कहा जा रहा है कि क्या युद्ध रुकवाने पर पीएम मोदी को क्या इस बार शांति का नोबेल मिल सकता है।
दुनिया भारत को मानती है विश्व बंधु
पीएम मोदी ने कहा है कि भारत का विजडम ग्लोबल है, विजन ग्लोबल है। हमारे पूर्वजों ने हमें वसुधैव कुटुंबकम का मंत्र दिया है। भारत का कल्चर ग्लोबल है। केयर और कंपैशन ग्लोबल है। हमने पूरी दुनिया को एक परिवार माना है और यही आज के भारत की नीति और निर्णयों में नजर आता है। आज का भारत सबसे जुड़ना चाहता है, आज का भारत सबके विकास की बात करता है, आज का भारत सबके साथ है, सबके हित की सोचता है। हमें गर्व है कि आज दुनिया भारत को विश्व बंधु के रूप में सम्मान दे रही है। भारत इस क्षेत्र में स्थायी शांति का समर्थक है। भारत कूटनीति और संवाद में विश्वास करता है।
जयशंकर ने भी दिए थे युद्ध रोकने के संकेत
जुलाई में जापान के दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक चर्चा के दौरान कहा था कि रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए भारत और ताकत लगाएगा। भारत भविष्य में यूक्रेन और रूस के साथ और अधिक संपर्क रखेगा क्योंकि दोनों पक्षों से बातचीत करने वाले देशों का इस तरह का संपर्क उनके बीच संघर्ष को सुलझाने के लिए बेहद अहम है। जयशंकर ने कहा कि भारत का रुख यह रहा है कि संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान से नहीं निकलेगा। उन्होंने कहा था कि हम मानते हैं कि हमें वहां अधिक सक्रिय होना चाहिए।
इससे पहले एक फोन से मोदी रुकवा चुके हैं जंग
जयशंकर ने इससे पहले मई में एक इंटरव्यू में यह दावा किया था कि पीएम मोदी ने फोन करके रूस और यूक्रेन युद्ध को दो बार रुकवाया था। उन्होंने कहा था कि पहली बार 5 मार्च को जब हमारे छात्र भारी गोलीबारी के बीच यूक्रेन में सुरक्षित इलाकों की ओर जा रहे थे, उस वक्त पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन किया थे। उन्होंने पुतिन से भारतीय छात्रों के लिए सुरक्षित रास्ता देने के लिए गोलीबारी रोकने का आग्रह किया था। पीएम के अनुरोध पर रूसी सेना ने गोलीबारी रोकी, ताकि हमारे लोग वतन लौट सकें। जयशंकर ने बताया कि इसी तरह 8 मार्च को भी पीएम मोदी ने पुतिन और जेलेंस्की से फोन पर बात की और भारतीय छात्रों के लिए रास्ता बनाया। उस वक्त भी गोलबारी रोकी गई और हमारे छात्रों के लिए सुरक्षित रास्ता दिया गया।
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