MP Election: मालवा-निमाड़ क्षेत्र से कांग्रेस की वापसी का रास्ता तय करेंगे राहुल गांधी

मध्य प्रदेश चुनाव में राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के अभियान को धार देने के लिए आज से मैदान में उतर रहे हैं. अभियान की शुरुआत बीजेपी का गढ़ माना जाने वाला मालवा-निमाड़ क्षेत्र होगा, लेकिन पिछले चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन से सीख लेकर कांग्रेस इस क्षेत्र में बड़े लक्ष्य के साथ उतर रही है.

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मध्य प्रदेश चुनाव कई मायनों में खास है. एक तरफ जहां कांग्रेस अपना पिछला प्रदर्शन दोहराने की कोशिश में होगी तो बीजेपी सत्ता में बने रहने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी . प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह समेत बीजेपी के कई बड़े नेता चुनावी राज्य में सभाएं कर रहे हैं, तो वहीं आज से राहुल गांधी भी पार्टी के चुनावी अभियान को धार देने के लिए मैदान में उतर रहे हैं. शुरुआत मालवा-निमाड़ से करेंगे, जहां कहा जाता है कि इस क्षेत्र को जिसने भी फतह की, सत्ता उसी को मिली.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी शाजापुर के कालापीपल में पार्टी की ‘जन आक्रोश यात्रा’ में शामिल होंगे. सभा को संबोधित करेंगे. कालापीपल से कांग्रेस के कुणाल चौधरी विधायक हैं. राहुल गांधी का स्वागत करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शुक्रवार रात ही इंदौर पहुंच गए हैं. विधानसभा चुनाव अभियान के तहत पार्टी का फोकस मालवा-निमाड़ क्षेत्र पर है. इस क्षेत्र को बीजेपी का गढ़ माना जाता है, जहां पिछले चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन एक गढ़ होने के नाते ठीक नहीं रहा था.

आदिवासी और किसानों को ध्यान में रखकर दोनों बीजेपी-कांग्रेस ने योजनाओं और चुनावी वादों का पिटारा खोल रखा है. कांग्रेस मालवा-निमाड़ में शुरू से ही मेहनत कर रही है. अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान खुद राहुल गांधी ने इन क्षेत्रों का दौरा किया था. खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और आगर-मालवा जिले से गुजरते हुए उन्होंने आदिवासी समुदाय के लोगों से खासतौर पर मुलाकात की थी. 2013 के चुनाव में मालवा-निमाड़ में बीजेपी का प्रदर्शन शानदार रहा था लेकिन 2018 के चुनाव में पार्टी 28 सीटों पर ही सिमट गई.

मालवा-निमाड़ में आदिवासी फैक्टर

मध्य प्रदेश में कुल 47 आदिवासी आरक्षित सीटें हैं. इनमें से 22 मालवा-निमाड़ में हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने यहां 14 सीटें जीती तो बीजेपी को सिर्फ सात सीटों पर ही कामयाबी मिली. एक सीट खरगोन जिले की भगवानपुरा से निर्दलीय केदार चिड़ाभाई डावर विधायक चुने गए.

मालवा-निमाड़ क्षेत्र में साल 2018 का चुनाव कांग्रेस के लिए सालों से पड़े सूखे को हरियाली में तब्दील किया था. इंदौर संभाग के आठ जिलों की 37 सीटों में से बीजेपी को महज 11 सीटें ही मिलीं. उज्जैन संभाग की 29 सीटों में बीजेपी को 17 सीटों पर ही सिमटना पड़ा था, इस कारण भाजपा इस क्षेत्र में खासा जोर लगा रही है तो वहीं कांग्रेस पूरी ताकत लगा रखा है.

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मालवा-निमाड़ में बीजेपी

बीजेपी के लिए मालवा-निमाड़ कितना महत्वपूर्ण है, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां की एक सीट से पार्टी ने महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को मैदान में उतारा है. बीजेपी के इस फैसले को भी पार्टी कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने के एक तरीके के रूप में देखा जा रहा है. विजयवर्गीय का क्षेत्र-खासकर इंदौर संभाग में बड़ा प्रभाव है.

राहुल गांधी का कालापीपल दौरा

कालापीपल, जहां से कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपना एमपी अभियान शुरू कर रहे हैं – अपने एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट के तौर पर मशहूर है. इससे समझा जा सकता है कि यह पूरा इलाका किसानों से घिरा हुआ है. आज की राहुल की सभा में भी किसानों की बड़ी मौजूदगी होने का अनुमान है.

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