RBI Repo Rate में कटौती से होम लोन अफोर्डेबिलिटी में होगा सुधार, एक्सपर्ट्स ने दी जानकारी

Home Affordability : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती से होम लोन लेने वाले उधारकर्ताओं के लिए ब्याज दर कम हो जाएगी। इससे होम लोन अफोर्डेबिलिटी में सुधार होगा। यह जानकारी एक्सपर्ट्स की ओर से शुक्रवार को दी गई।

आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में कटौती ऐसे समय पर की गई है जब देश के मेट्रो शहरों के साथ-साथ टियर 2 और टियर 3 शहरों में रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी बनी हुई है।

कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के अध्यक्ष शेखर जी पटेल ने कहा कि कम ब्याज दरों से होम लोन की अफोर्डेबिलिटी बढ़ेगी। कम ईएमआई से खरीदार की भावना में काफी सुधार होगा और पहली बार घर खरीदने वालों की बाजार में संख्या में इजाफा होगा।

रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है। अगर इसमें कमी आती है तो बैंकों के लिए केंद्रीय बैंक से लोन लेना सस्ता हो जाएगा और वे ग्राहकों को भी सस्ती दरों पर लोन दे पाएंगे। रेपो रेट में कमी से होम लोन ही नहीं, बल्कि पर्सनल लोन, कार लोन और अन्य प्रकार के लोन की ईएमआई में भी कमी आती है।

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सैपिएंट फिनसर्व के संस्थापक निदेशक अमित बिवलकर ने कहा, “यह कटौती उम्मीद से कहीं ज्यादा है। ज्यादातर लोगों को लगा कि आरबीआई ब्याज दरों में सिर्फ 25 आधार अंकों की कटौती करेगा। इस कदम से फरवरी 2025 से अब तक ब्याज दरों में कुल 100 आधार अंकों की कटौती हो चुकी है। इसका उद्देश्य लोन सस्ता करके और तरलता में सुधार करके अर्थव्यवस्था को सहारा देना है।”

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आईएमजीसी (इंडिया मॉर्गेज गारंटी कॉरपोरेशन) के चीफ रिस्क ऑफिसर कनिका सिंह ने कहा कि हमने पहले से ही देख रहे है कि पिछली दो दरों में कटौती से का लाभ उधारकर्ताओं को दिया जा रहा है। 50 बीपीएस की दर में कटौती के साथ होम लोन की ईएमआई में काफी कमी आएगी, बशर्ते बैंक और एनबीएफसी यह लाभ वास्तविक समय में दें और इसमें देरी से न हो।

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