धर्म संसद पर बोले मोहन भागवत- इसका हिंदुत्व से कोई लेना-देना नहीं

RSS प्रमुख mohan bhagwat

नागपुर (महाराष्ट्र)। बीते दिनों हरिद्वार व छत्तीसगढ़ की धर्म संसदों में दिए गए बयानों को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि इस तरह की धर्म संसदों का आयोजन हिंदुत्व की विचारधारा से अलग है। इसका हिंदुत्व से कोई लेना-देना नहीं है। भागवत ने इस आयोजन को लेकर दु:ख व्यक्त किया।

वह ‘हिंदुत्व और राष्ट्रीय एकता’ विषय पर भाषण दे रहे थे। नागपुर में एक अखबार के 50 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में भागवत ने कहा, ‘हिंदुत्व कोई वाद नहीं है।

उन्होंने कहा इसका अंग्रेजी अनुवाद भी हिंदूनेस होता है। रामायण औऱ महाभारत में तो कहीं हिंदू भी नहीं लिखा है। इसका उल्लेख गुरु नानक देव ने किया था। यह काफी लचीला है औऱ अनुभव के हिसाब से इसमें परिवर्तन होते रहते हैं।’

निजी फायदे के लिए बयान देना हिंदुत्व नहीं

उन्होंने कहा कि निजी फायदे या फिर शत्रुता के लिए कोई बयान दे देना हिंदुत्व नहीं है। आऱएसएस चीफ ने कहा, RSS या फिर जो लोग भी सही रूप में हिंदुत्व को मानते हैं वे इसके बिगड़े हुए अर्थों पर ध्यान नहीं देते। वे विचार करते हैं औऱ समाज में बैलेंस बनाने का काम करते हैं।

बता दें कि हरिद्वार की धर्म संसद में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसक शब्दों का प्रयोग किया गया था। इस कर्क्यक्रम का वीडियो वायरल हो गया था। यह वीडियो 17 से 19 दिसंबर के बीच का था। इस मामले में वसीम रिजवी उर्म जितेंद्र त्यागी की गिरफ्तारी भी हुई।

इसी तरह का कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के रायपुर में 26 दिसंबर को हुआ था। यहां कालीचरण महाराज नाम के धर्मगुरु ने महात्मा गांधी को अपशब्द कहा था। बाद में उनकी भी गिरफ्तारी हुई थी।

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