न्यूक्लियर युद्ध हुआ तो होगा महा विनाश, 300 करोड़ लोगों की मौत का अनुमान..

Nuclear War: पिछले 2 वर्षो से रूस और यूक्रेन के बीच जंग चल रही हैं. इस युद्ध में नाटो सेना की भी एंट्री हो चुकी है. रूस के लिए जासूसी करने वाले एक जर्मन सैन्य अधिकारी ने कहा है कि रूस की परमाणु हमला करने की तैयारी पूरी हो चुकी है. रूस के राष्ट्रपति पुतिन कभी भी हाइपरसोनिक मिसाइलों से परमाणु हमले का आदेश दे सकते हैं.

रूस ने भी बोल दिया है-क्रेमलिन पर अटैक का करारा जवाब मिलेगा। पुतिन के काफी करीबी और रूस के पूर्व उप प्रधानमंत्री ने तो यहां तक बोल दिया है- अब टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों के इस्तेमाल करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है।

कुछ ही मिनट में धरती पर विनाश की स्थिति

रूस द्वारा मिसाइल फायर होते ही 25वें मिनट में न्यूयॉर्क पहुंच जाएगी. न्यूक मैप के अनुमान के मुताबिक, इस पहले हमले में ही लगभग 16 लाख लोगों की मौत हो जाएगी और 30 लाख लोग घायल हो जाएंगे. इसके बाद 25 से 50वें मिनट में धरती पर परमाणु युद्ध शुरू हो जाएगा. यूरोप पर रूस के हमले शुरू हो जाएंगे.

न्यूक्लियर वॉर: ए सिनैरियो बुक के मुताबिक इन धमाकों में 300 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत हो जाएगी. अबसे 74,000 साल पहले सुमात्रा के जंगलों में एक ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था ये उससे भी विनाशक होगा. 74,000 साल पहले हुए ज्वालामुखी विस्फोट को Toba सुपर इरप्शन कहा गया था. इस इरप्शन को 1,000 परमाणु बम शक्ति का विस्फोट माना गया था. उस समय पर्यावरण में 220 करोड़ टन सल्फर डायऑक्साइड छा गया था और धरती जमने लगी थी. अब 5,000 परमाणु विस्फोट से 1,100 करोड़ टन सल्फर डायऑक्साइड धरती के पर्यावरण पर छा जाएगा. इस घने धुएं के बादल से धरती पर सूरज की रोशनी नहीं आएगी. इससे धरती पर न्यूक्लियर विंटर शुरू हो जाएगी.

‘न्यूक्लियर वॉर: ए सिनैरियो’ पुस्तक का अनुमान है कि 100 साल तक विनाश का चक्र चलता रहेगा. रूस के परमाणु हमलों की आशंका को यूरोप बहुत गंभीरता से ले रहा है. रूस के लिए जासूसी करने वाले जर्मनी के एक सैनिक ने इसके बारे में जानकारी दी है. जर्मन सिक्योरिटी एजेंसी ने जर्मन आर्म्ड फोर्सेज बुंडेसव्हेर के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया. उस अधिकारी पर रूस के लिए जासूसी करने का आरोप है.

जर्मन जासूस की रिपोर्ट के मुताबिक, अब सच सामने आने लगा है, क्योंकि यूक्रेन के बाहर भी रूस के हमले शुरू हो गए हैं. 30 अप्रैल को चेक रिपब्लिक के वर्बेटाइस हथियार डिपो में धमाके हुए हैं. चेक एजेंसी का दावा है कि ये धमाके रूस के एजेंटों ने कराए हैं. यूरोप में युद्ध विस्तार का डर फैलता जा रहा है इसीलिए पोलैंड ने भी अमेरिका के परमाणु सहयोग कार्यक्रम में शामिल होने का आवेदन दिया है. पोलैंड में बहुत जल्द अमेरिका के परमाणु हथियार तैनात हो सकते हैं. इसके अलावा यूरोपियन यूनियन ने न्यूक्लियर कॉपरेशन टीम बनाई है. इस टीम में यूरोपीय देशों की इंटेलिजेंस के अधिकारी हैं. ये रूस की परमाणु गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं.

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