तय स्थानों पर ही होगी कुर्बानी… बकरीद पर UP में जारी हुए दिशा निर्देश
Eid-Ul-Adha in UP: उत्तर प्रदेश में बकरीद को लेकर बड़े पैमाने पर प्रबंध किए जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक इस बार बकरीद 17 जून को मनाई जाएगी. व्यवस्था के तहत इस बार भी सड़कों पर नमाज अता नहीं की जा सकेगी. इसके अलावा चिन्हित किए गए स्थानों पर ही कुर्बानी दी जा सकेगी. सख्त हिदायत जारी की गई है कि प्रतिबंध जानवरों की कुर्बानी न होने पाए. इसके लिए अल्पसंख्यक आयोग ने निर्देश जारी कर दिए हैं.
पशुओं की कुर्बानी केवल निर्धारित स्थलों पर होगी. इसके लिए गृह विभाग और नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव को राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी ने आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा हैय. यूपी अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफ़ी के मुताबिक इस बार होने वाली नमाज के लिए सड़कों पर किसी प्रकार की कोई जगह नहीं होगी. मस्जिदों में अलग-अलग शिफ्ट में नमाज की जाएगी.
बकरीद पर कुर्बानी क्यों दी जाती है?
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, पैगंबर हजरत इब्राहिम ने अल्लाह की इबादत में खुद को समर्पित कर दिया था। एक बार अल्लाह ने हजरत इब्राहिम की परीक्षा ली और उनसे उनकी कीमती चीज की कुर्बानी मांगी। तब उन्होंने अपने बेटे हजरत इस्माइल को कुर्बानी देनी चाही। लेकिन तब अल्लाह ने पैगंबर हजरत इब्राहिम के बेटे की जगह वहां एक बकरे की कुर्बानी दिलवा दी। कहा जाता है कि तब से ही मुसलमानों में बकरीद पर बकरे की कुर्बानी देनी की परंपरा शुरू हुई। तीन दिन चलने वाले इस त्यौहार में मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी क्षमता के हिसाब से उन पशुओं की कुर्बानी देते हैं, जिन्हें भारतीय कानूनों के तहत प्रतिबंधित नहीं किया गया है।
त्याग और समर्पण का प्रतीक है ये त्यौहार
अगर ध्यान से देखा जाए तो यह त्योहार त्याग, समर्पण और आस्था का प्रतीक है। मुस्लिम समुदाय के लोग इस दिन अपनी हैसियत के अनुसार कुर्बानी देते हैं और गरीबों और जरूरतमंदों को मांस बांटते हैं। यह दिन हमें सिखाता है कि हमें अल्लाह की राह में अपनी सबसे प्रिय चीज भी कुर्बान करने के लिए तैयार रहना चाहिए. कुर्बानी का मांस तीन भागों में बांटा जाता है। एक हिस्सा खुद के लिए, दूसरा हिस्सा रिश्तेदारों के लिए और तीसरा हिस्सा गरीबों के लिए.
क्या है बकरीद का महत्व
ईद-अल-अजहा को बकरीद इस वजह से भी कहा जाता है, क्योंकि इस पर्व पर मुस्लिम समुदाय के लोग बकरे की कुर्बानी करते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय उपमहाद्वीप के अलावा ईद-अल-अजहा को कहीं भी बकरीद नहीं कहा जाता है।
निर्धारित स्थलों पर होगी पशुओं की कुर्बानी
पुलिस लाइन में आईजी नचिकेता झा ने बकरीद पर सुरक्षा व तैयारियों को लेकर एसएसपी, एसपी सिटी, एसपी देहात सभी सीओ व थानेदारों के साथ मीटिंग की। इसके साथ मासिक अपराध गोष्ठी भी की। सभी पुलिस अधिकारियों को बकरीद पर सुरक्षा को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में नमाज सड़क पर नहीं होगी। पशुओं की कुर्बानी केवल निर्धारित स्थलों पर होगी।
उन्होंने कहा कि आगामी 17 जून को बकरीद है। साथ ही कहा गया है कि नमाज केवल धार्मिक स्थल के अंदर होगी। उन्होंने ऐसे 14 थानों मेडिकल, कंकरखेड़ा, लिसाड़ी गेट, किठौर, परीक्षितगढ़, भावनपुर, सरधना, सरूरपुर, इंचौली, जानी, फलावदा, मुंडाली, खरखौदा और मवाना को विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सभी सीओ और थाना प्रभारियों से खुले में कुर्बानी या फिर प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
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