‘INDIA’ में सीट संग्राम…Lovely को रास नहीं आई कन्हैया का केजरीवाल से लगाव
आज दिल्ली में कांग्रेसी कैंप से दो तस्वीरें सामने आईं…पहली AAP से गठबंधन और कांग्रेस कैंडिडेट कन्हैया कुमार के विरोध में प्रदेश अध्यक्ष पद से अरविंदर सिंह लवली का इस्तीफा…दूसरा दिल्ली की नॉर्थ-ईस्ट सीट पर कन्हैया कुमार के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प…इन दोनों ही तस्वीरों ने कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है…तो एक सवाल INDIA गठबंधन की मजबूती पर भी है.
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष पद से अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफा दिए जाने के बाद सियासत गरम है. राजधानी में कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी (AAP) मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. लवली के इस्तीफे के बाद कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी को नुकसान हो सकता है. लवली ने गठबंधन पर सवाल खड़े किए हैं, जिस पर सोमवार को AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने जवाब दिया है. उनका कहना है कि ये कांग्रेस का अंदरूनी मामला है. वो इस मामले को देख रहे हैं.
दरअसल, कन्हैया कुमार को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से ही पार्टी के भीतर विरोध की चिंगारी जलने लगी थी। इस चिंगारी को बुझाने की एक कोशिश प्रदेश इंचार्ज दीपक बाबरिया ने की और प्रदेश कांग्रेस ऑफिस में 19 अप्रैल को बैठक बुलाई, जिसमें नॉर्थ ईस्ट के कई सीनियर नेता शामिल हुए थे। लेकिन इस बैठक में संदीप दीक्षित का पहले कन्हैया कुमार के साथ बहस हुई और बाद में दीपक बाबरिया से भी टकराव हुआ।
कन्हैया का AAP से बढ़ी नजदीकियां रही इस्तीफे की असल वजह
सूत्रों का कहना है कि एक तो दोनों टिकट बाहरी लोगों को दिया गया, ऊपर से प्रदेश नेताओं को दरकिनार भी कर दिया गया, उनकी बात तक नहीं सुनी गई। इसके बाद अपने-अपने इलाके में इन दोनों नेताओं पर अपनी मनमानी करने का भी आरोप लगाया गया। पार्टी के सीनियर नेताओं का कहना है कि इलाके के नेता इस बात से नाराज चल रहे हैं कि उनका उम्मीदवार आम आदमी पार्टी के नेताओं से तो मिल रहे हैं, लेकिन उनके पास नहीं आ रहे हैं। कन्हैया को लेकर भी यही बातें कही जा रही हैं। वो भी इलाके के नेताओं को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। पहले से पार्टी आलाकमान के फैसले से नाखुश चल रहे लवली ने पिछले कई दिनों से पार्टी ऑफिस तक आना जाना बंद कर दिया था। सोशल मीडिया एक्स से भी दूरी बना ली थी। 23 अप्रैल के बाद न तो एक भी ट्वीट किया और न ही किसी को लाइक किया है। सूत्रों की मानें तो इन त्वरित कारणों की वजह से लवली को इस्तीफा के लिए मजबूर होना पड़ा।
कौन हैं अरविंदर सिंह लवली?
लवली 1998 में दिल्ली के सबसे कम उम्र के विधायक बने थे. पांच साल बाद 30 साल की उम्र में, शीला दीक्षित सरकार में सबसे कम उम्र के मंत्री बने. वह तत्कालीन मुख्यमंत्री के विश्वासपात्र माने जाते थे. उन्हें शिक्षा, परिवहन और शहरी विकास जैसे प्रमुख विभाग मिले. उनके कार्यकाल में ब्लू लाइन बसों को हरे, लाल और नारंगी रंग की लो-फ्लोर बसों से बदल दिया गया.
जब दिल्ली के निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए 25% आरक्षण लागू किया गया तब लवली ही शिक्षा मंत्री थे. 2012-13 में जब पहली बार अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की मंजूरी दी गई थी, तब वह शहरी विकास मंत्री थे.