ISRO के ‘पुष्पक’ की सफल लॉन्चिंग, एक्सपेरिमेंट को बताया बड़ी कामयाबी

ISRO Pushpak aircraft Launch: इसरो को आज बड़ी सफलता मिली है। सुबह करीब 7.10 बजे ऑटोमैटिक तरीके से रनवे पर सफलतापूर्वक रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल पुष्पक को लैंड किया गया। रॉकेट का नाम रामायण में वर्णित ‘पुष्पक विमान’ से लिया गया है, जिसे धन के देवता का वाहन माना जाता है।

इमेज क्रेडिट: सोशल मीडिया

इसरो को आज बड़ी सफलता मिली। दरअसल इसरो की रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल तकनीक (लॉन्च व्हीकल को दोबारा इस्तेमाल करने की तकनीक) का परीक्षण सफल रहा है। कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में शुक्रवार की सुबह करीब 7.10 बजे इसरो का रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल पुष्पक सफलतापूर्वक ऑटोमैटिक तरीके से रनवे पर लैंड हुआ। रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल की सफल लैंडिंग पर इसरो ने बयान जारी कर बताया कि रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल तकनीक के मामले में इसरो ने बड़ी कामयाबी हासिल की है।

रीयूजेबल लॉन्चिंग व्हीकल के पहले दो परीक्षण भी रहे थे सफल
इसरो इससे पहले भी दो बार रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल की सफल लैंडिंग करा चुका है। बीते साल इसरो ने रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल के परीक्षण के दौरान आरएलवी को वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से करीब साढ़े चार किलोमीटर की ऊंचाई से छोड़ा गया। परीक्षण के दौरान आरएलवी ने सफलतापूर्वक रनवे पर लैंड किया। आरएलवी ने ब्रेक पैराशूट, लैंडिंग गियर ब्रेक और नोज व्हील स्टीयरिंग सिस्टम की मदद से सफल लैंडिंग की। रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल की सफल लैंडिंग से इसरो द्वारा विकसित की गई तकनीक जैसे नेवीगेशन, कंट्रोल सिस्टम, लैंडिंग गियर और डिक्लेयरेशन सिस्टम की सफलता पर भी मुहर लग गई है। 

ISRO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर बताया कि पुष्पक की सफल लैंडिंग 7 बजकर 10 मिनट पर हुई। इससे पहले RLV का 2016 और 2023 में लैंडिंग एक्सपेरिमेंट किया जा चुका है। इस बार का पुष्पक विमान पिछले बार के RLV-TD से करीब 1.6 गुना बड़ा है।

पुष्पक विमान RLV-TD से ज्यादा वजन झेल सकता है। ISRO का कहना है कि इस टेक्नोलॉजी से रॉकेट लॉन्चिंग अब पहले से सस्ती होगी। अंतरिक्ष में अब उपकरण पहुंचाने में लागत काफी कम आएगी।

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