हाथरस कांड पर आया ‘सुप्रीम’ फैसला, ट्रायल की शिफ्टिंग से इंकार
हाथरस में दलित युवती से कथित तौर पर हुआ था गैंगरेप और हत्या
नई दिल्ली। उप्र के हाथरस में गत 14 सितंबर को दलित युवती से कथित गैंगरेप व हत्या मामले में निगरानी और ट्रांसफर करने संबंधित याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।
फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस केस के ट्रायल को फिलहाल राज्य से बाहर शिफ्ट करने से इनकार कर दिया। साथ ही कहा है कि सीबीआई जांच की निगरानी इलाहाबाद हाईकोर्ट करेगा।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने आज हाथरस गैंगरेप कांड की उन याचिकाओं पर फैसला सुनाया, जिनमें मामले की अदालत की निगरानी में जांच कराने और मामले को दिल्ली स्थानांतरित कराने का अनुरोध किया गया था।
हाथरस केस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभी इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है, ऐसे में तुरंत ट्रांसफर की जरूरत नहीं है। इस पर बाद में विचार किया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय पीड़ित परिवार और गवाहों की सुरक्षा से लेकर सभी पहलुओं पर विचार करेगा साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि सीबीआई वहां स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेगी।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने एक जनहित याचिका और कार्यकर्ताओं और वकीलों की ओर से दायर कई अन्य हस्तक्षेप याचिकाओं पर 15 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
याचिकाओं में दलील दी गयी थी कि उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है, क्योंकि कथित तौर पर जांच बाधित की गयी।
पीड़त परिवार की ओर से पेश वकील ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि इस मामले में जांच पूरी होने के बाद सुनवाई को उत्तर प्रदेश के बाहर राष्ट्रीय राजधानी में स्थानांतरित कर दिया जाए।
दरअसल, 15 अक्टूबर को जब सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था, तभी यह संकेत दिया था कि मामला हाईकोर्ट भेजा जा सकता है।
कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि इस मामले से संबंधित और याचिकाओं पर सुनवाई नहीं होगी। कोर्ट ने कहा कि पहले हाईकोर्ट के सुनवाई करने दें, फिर हम यहां से नजर रख सकते हैं।
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इससे पहले राज्य सरकार की ओर से उच्चतम न्यायालय के समक्ष दायर ताजा हलफनामा में कहा गया था कि पीड़ित परिवार और गवाहों को तीन स्तरीय सुरक्षा दी गई है।
इसके लिए पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। साथ ही गांव की सीमा के साथ जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
उप्र सरकार ने कहा है कि पीड़िता (19) के हाथरस जिले के चंदपा में रहने वाले परिजनों को पर्याप्त सुरक्षा दी जा रही है। परिजनों में पीड़ता के माता-पिता के अलावा दो भाई, एक भाभी और दादी शामिल हैं।
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गौरतलब है हाथरस जिले में चार सवर्णों ने 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया था। उपचार के दौरान दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 29 सितंबर को लड़की की मौत हो गई।
उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने उप्र में मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं होने की आशंका प्रकट की थी।