पुण्यतिथि पर विशेष: भारतीय राजनीति के ‘अजातशत्रु’ थे अटल बिहारी वाजपेयी

नई दिल्ली। देश आज पूर्व प्रधानमंत्री ‘भारत रत्न’ अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पुण्‍यतिथि पर श्रद्धापूर्वक याद कर रहा है। आज यानी 16 अगस्त 2020 को देश के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की तीसरी पुण्यतिथि है। 16 अगस्त 2018 को उनका देहांत हो गया था।

भारतीय राजनीति में ‘अजातशत्रु’ कहे जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी की गिनती देश की सियासत के उन चंद नेताओं में होती है जो कभी दलगत राजनीति से ऊपर थे। उन्हें हमेशा सभी पार्टियों से भरपूर प्यार व सम्मान मिला।

अटल बिहारी वाजपेयी (25 दिसंबर 1924 – 16 अगस्त 2018) तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे पहले 16 मई से 1 जून 1996 तक, फिर 1998 मे और फिर 19 मार्च 1999 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।

वे हिंदी कवि, पत्रकार व एक प्रखर वक्ता थे। वे भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में एक थे, और 1968 से 1973 तक उसके अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने लंबे समय तक राष्‍ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया।

वह चार दशकों से भारतीय संसद के सदस्य थे, लोकसभा के लिए दस बार और राज्य सभा के लिए दो बार चुने गए थे। उन्होंने 2009 तक लखनऊ के संसद सदस्य के रूप में कार्य किया। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत्त हुए।

अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारंभ करने वाले वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमंत्री के रूप में 5 वर्ष बिना किसी समस्या के पूरे किए। उन्होंने 24 दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी जिसमें 81 मंत्री थे।

2005 से वे राजनीति से संन्यास ले चुके थे और नई दिल्ली में 6-ए कृष्णामेनन मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहते थे।

16 अगस्त 2018 को एक लंबी बीमारी के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली में श्री वाजपेयी का निधन हो गया। वे जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे‍।

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