आसमान से शहर पर मंडरा रहा खतरा, गोरखपुर चिड़ियाघर Bird Flu की चपेट में?

Bird Flu in UP: यूपी के गोरखपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन हाई अलर्ट पर है.

Bird Flu in UP: यूपी के गोरखपुर स्थित शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में बर्ड फ्लू का खतरा अभी खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। यह खतरा चिड़ियाघर के आसमान पर मंडरा रहा है। चिड़ियाघर के आसपास मृत मिले कौओं में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। चार में से तीन नमूने एविएन इन्फ्लूएंजा एच-5 एन-1 से पॉजिटिव मिले हैं। इसे ही बर्ड फ्लू कहते हैं। यह जांच भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च पशु रोग चिकित्सा संस्थान में हुई है। इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद से तो हड़कंप मच गया है।

चिड़ियाघर के प्रबंधन पर सवाल 

बुधवार को टीम ने सबसे पहले चिड़ियाघर पहुंचकर पक्षियों के बाड़ों को देखा और जानकारी ली कि कौन-कौन से पक्षी हैं. इसके बाद टीम के सदस्यों ने हिमालयन भालू, शेर, तेंदुआ, बाघ सहित हिरण और चीतों के मरने वाली जगह का भी निरीक्षण किया. वहीं चिड़ियाघर के डॉक्टर योगेश ने बताया कि, बुधवार तक टीम ने जांच की ओर फिर चिड़ियाघर में रह रहे अधिक जानवरों के ऊपर चिंता जताते हुए कहा कि, कम जगह में इतने जानवरों को रखना उचित नहीं है. इसकी व्यवस्था करनी चाहिए, वहीं गुरुवार को केंद्रीय टीम ने रिपोर्ट और ऑडिट तैयार कर दिया है. अब कुछ समय बाद इसकी रिपोर्ट शासन को सौंप दी जाएगी।

दूसरे वन्यजीवो पर खतरे की घंटी

कौओं में बर्ड फ्लू मिलने के बाद दूसरे वन्य जीव भी खतरे की जद में आ गए हैं । दरअसल पक्षियों को छोड़ दे तो ज्यादातर बाड़े खुले हुए हैं। उनमें वन्यजीवों के आसपास कौआ मंडराते रहते हैं। कौओं की एंट्री रोकने का कोई भी इंतजाम अभी चिड़ियाघर प्रशासन के पास नहीं है‌ इसने उनकी चिंता को और बढ़ा दिया है। कौओं में बर्ड फ्लू का प्रसार कितना है। इसका भी कोई ठोस आंकड़ा विभाग के पास नहीं है।

केंद्रीय टीम जांच के बाद रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। इसके आधार पर चिड़ियाघर की व्यवस्था में कुल बदलाव हो सकता है। चिड़ियाघर में पहली बार वाइल्ड लाइफ की टीम भी शामिल थी। इसमें वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) से डॉ. पराग निगम, IVRR बरेली से डॉ. एम. करिकालन, डब्ल्यूआईआई के रिटायर्ड हेड वाइल्ड लाइफ हेल्थ और उत्तराखंड के रिटायर्ड प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. पीके मलिक शामिल हैं।

 

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