
लखनऊ यूनिवर्सिटी में क्विज प्रतियोगिता का आयोजन, संस्कृत को बताया आज की जरूरत
Lucknow: लखनऊ विश्वविद्यालय के 67वें दीक्षांत समारोह में 12 सितंबर 2024 को साप्ताहिक कार्यक्रमों के अंतर्गत संस्कृत तथा प्राकृत भाषा विभाग में संस्कृत रसप्रश्न प्रतियोगिता एवं एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया।
लखनऊ विश्वविद्यालय के 67वें दीक्षांत समारोह के अंतर्गत संस्कृत और प्राकृत भाषा विभाग द्वारा एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें संस्कृत रसप्रश्न क्वीज प्रतियोगिता (Quiz competition), सांस्कृतिक कार्यक्रम और एक विशिष्ट व्याख्यान शामिल था। कार्यक्रम का प्रारंभ वैदिक मंगलाचरण से हुआ। विशिष्ट व्याख्यान में मुख्य वक्ता पद्मश्री प्रोफेसर नवजीवन रास्तोगी रहे। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत विभाग के समन्वयक डॉक्टर अभिमन्यु सिंह जी ने किया। कार्यक्रम की संचालन विभागीय शोधछात्रा कविता वर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ.सत्यकेतु ने किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में संस्कृत की दशा एवं दिशा के प्रति सभा में उपस्थित सभी लोगों को प्रेरणा प्रदान की। उन्होंने संस्कृत को जीवंत बनाने के लिए छोटे-छोटे प्रयत्नों पर काम करने के लिए उत्साहित किया।
संस्कृत को आज की जरूरत बताया
कश्मीर शैव दर्शन के विद्वानों में अन्यतम अभिनवगुप्त परंपरा के अधिकृत विद्वान पद्मश्री प्रोफेसर रस्तोगी ने दर्शन की भाषा में समझाते हुए कहा कि संस्कृत के अध्येता को कश्मीर शैवदर्शन के द्रष्टा की भांति सक्रियता से कमर कस के काम करना चाहिए। संस्कृत हमारे अस्तित्व और अस्मिता की भाषा है। कार्यक्रम के अध्यक्ष कलासंकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर अरविंद मोहन ने अपने वक्तव्य में कहा कि संस्कृत को समसामयिक बनाना होगा हम केवल इसके प्राचीन वैभव को लेकर आगे नहीं जा सकते। वर्तमान युग की आवश्यकताओं को पहचान कर आधुनिक विषयों में संस्कृत भाषा के माध्यम से लेखन को प्रोत्साहन मिलना चाहिए तभी हम इस प्राचीन भाषा के साथ न्याय कर सकें।
150 से ज्यादा एक्सपर्ट हुए शामिल
आज मैराथन चली रस प्रश्न (क्विज) प्रतियोगिता का सफल संचालन डॉ अशोक कुमार सतपति ने किया इस में निर्णायक डॉक्टर ऋचा पांडेय तथा डॉ० गौरव सिंह रहे। कार्यक्रम के अंत में संस्कृत महोत्सव एवं दीक्षांत समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित प्रतियोगिताओं के विजयी छात्रों को पुरस्कृत किया गया। संस्कृति तथा प्राकृत भाषा विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय के सभी प्राध्यापक डॉ० भुवनेश्वरी भारद्वाज, डॉ० अशोक कुमार शतपथी, डॉ० बृजेश कुमार सोनकर, डॉ० गौरव सिंह, डॉ० ऋचा पाण्डेय तथा ज्योतिर्विज्ञान विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय के डॉ० अनिल कुमार पोरवाल, डॉ० विष्णुकांत शुक्ल, डॉ० विपिन कुमार पांडेय, डॉ० अनुज कुमार शुक्ल, डॉ प्रवीण बाजपेयी आदि अध्यापक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में लगभग डेढ़ सौ छात्रों की उपस्थिति रही।