
UP News: एंबुलेंस में बीमार पति के सामने महिला से छेड़छाड़, अखिलेश ने बोला शर्मनाक
UP News: सिद्धार्थनगर जिले की निवासी महिला ने प्राइवेट एम्बुलेंस कर्मियों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। महिला के मुताबिक वह अपने बीमार पति को लेकर लखनऊ से लौट रही थी, इसी दौरान रास्ते में चलती एम्बुलेंस में उसके साथ गलत हरकत की गई और विरोध पर बस्ती में जबरन उतार दिया गया।
सिद्धार्थनगर जिले की महिला के साथ एंबुलेंस में हुई छेड़खानी की मामला तूल पकड़ने लगा है। पीड़िता का आरोप है कि उसके बीमार पति को लखनऊ से घर ले जाते समय एंबुलेंस चालक और अटेंडेंट ने उससे छेड़खानी की और दुष्कर्म की कोशिश की। जब वे असफल रहे तो पति का ऑक्सीजन निकाल कर फेक दिया और एम्बुलेंस से नीचे उतार दिया। इस मामले पर पुलिस ने भी सवेंदनहीनता दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बस्ती पुलिस ने घटनास्थल लखनऊ बताकर परिजनों को टरकाकर यहां भेज दिया। जब पीड़िता ने राजधानी के गाजीपुर थाने आकर तहरीर दी, तो यहां की पुलिस ने भी मामला टालने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
क्या था पूरा मामला?
दरअसल, पूरा मामला 28 अगस्त का है जब सिद्धार्थनगर जिले के सकारपार पुलिस चौकी क्षेत्र के एक गांव की महिला अपने बीमार पति का बस्ती के अस्पताल में इलाज कराने पहुंची थी। जहां हालत बिगड़ते देख वह अपने पति हरीश साहनी को लखनऊ मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचती है. लेकिन बेड न खाली होने के चलते वहां उसे एडमिट नहीं किया जा सका. मजबूरी में वह अपने पति को लखनऊ के ही एक निजी चिकित्सालय ले जाकर भर्ती कराती है।
29 अगस्त की रात साढ़े 11 बजे पीड़िता के भाई ने पुलिस कंट्रोल रूम और एंबुलेंस को कॉल की थी। एंबुलेंस से पहले जिला अस्पताल और फिर बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर किया गया था। जहां 30 अगस्त की रात करीब नौ बजे मरीज की मौत हो गई थी।
गाजीपुर पुलिस ने भी मामला टालने की कोशिश
पीड़िता के भाई ने बताया कि एक सितंबर को उन्होंने गाजीपुर थाने में तहरीर दी थी। पुलिस ने कहा था कि जांच करने के बाद कार्रवाई की जाएगी। तीन दिन तक तहरीर रखे रही। बुधवार को खबर प्रकाशित हुई तो दोपहर 12:57 बजे चालक व उसके साथी पर एफआईआर दर्ज की। हकीकत तो ये है कि गाजीपुर पुलिस भी अपने यहां से मामला टालने की कोशिश में जुटी थी। जबकि कानून के जानकार बताते हैं कि पीड़िता ऐसे मामलों की एफआईआर कहीं भी किसी भी थाने में दर्ज करवा सकती है।
आपको बता दे कि एक महिला अपने बीमार पति को लेकर लखनऊ से एम्बुलेंस से लौट रही थी। इसी दौरान एम्बुलेंस चालक बीमार पति के साथ पीछे बैठी पत्नी व उसके भाई से कहता है कि महिला को आगे की सीट पर बैठा दीजिए, ताकि रात में पुलिस परेशान न करे. क्योंकि, एम्बुलेंस प्राइवेट है, रास्ते में कागज वगैरह को लेकर दिक्कत हो सकती है. महिला आगे की सीट पर रहेगी तो पुलिस भी कुछ नहीं कहेगी. ये सुनकर मजबूर महिला आगे बैठ जाती है. इसी दौरान रास्ते में उसके साथ छेड़खानी की जाती है.आखिर में महिला दरवाजा पीटने लगती है. तब एम्बुलेंस कर्मी बस्ती जिले के छावनी में हाइवे के किनारे गाड़ी रोकते हैं और महिला, उसके भाई और बीमार पति को उतारकर भाग जाते हैं।