आईपीएल में क्यों और कब लागू किया गया प्लेऑफ का फार्मेट? यहाँ जानिए सबकुछ

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2011 आईपीएल में लागू किया गया था प्लेऑफ का फार्मेट

आबुधाबी। 2020 का आईपीएल अब अपनी समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। बस कुछ मुकाबलों ले बाद यह पता चल जायेगा कि आईपीएल 2020 का चैंपियन कौन है?

कोरोना के चलते यूएई में खेले जा रहे इस टी-20 लीग में अब ट्रॉफी के लिए सिर्फ चार ही दावेदार बचे हैं। इनके बीच अब प्लेऑफ के माध्यम से फाइनल और फिर खिताब तक का सफर तय होगा। 

साल 2008 में शुरू हुई इस चर्चित टी-20 लीग ने अपने अलग फॉर्मेट और कई नए नियमों की वजह से खूब सुर्खियां बटोरी।

स्ट्रैटेजिक टाइम आउट, ऑरेंज और पर्पल कैप, इस साल लागू हुए थर्ड अंपायर द्वारा दिया जाने वाला नो बॉल का फैसला समेत कई बदलावों से लीग का रोमांच बढ़ता गया।

इसी कड़ी में एक बड़ा बदलाव टूर्नामेंट के फॉर्मेट में साल 2011 में लीग के चौथे सीजन में किया गया था।

वो बदलाव था सेमीफाइनल की जगह पर प्लेऑफ कराने का फैसला। यह फैसला कारगर साबित हुआ और लीग का रोमांच भी बढ़ता गया।

क्या होता है प्लेऑफ:

ग्रुप स्टेज के मुकाबलों के बाद शीर्ष चार टीमें अगले दौर यानी प्लेऑफ में पहुंचती हैं। यह फाइनल मुकाबले से पहले का दौर होता है, जहां तीन स्टेज पर मुकाबले होते हैं। क्वालीफायर 1, एलिमिनेटर और क्वालीफायर 2. 

क्वालीफायर 1: 

यहां अंक तालिका की शीर्ष दो टीमों के बीच मुकाबला होता है। इसमें जीतने वाली टीम सीधा फाइनल में पहुंचती है।

एलिमिनेटर: 

यहां तीसरे और चौथे स्थान की टीम के बीच मुकाबला होता है। इनमें से जो भी टीम जीतती है वो क्वालीफायर 2 में पहुंचती है।

क्वालीफायर 2: 

यहां पर क्वालीफायर 1 में हारने वाली टीम और एलिमिनेटर में जीतने वाली टीम के बीच मुकाबला होता है। इसमें जीतने वाली टीम फिर फाइनल में पहुंचती है।

सेमीफाइनल से कितना अलग है प्लेऑफ:

सेमीफाइनल वाले फॉर्मेट में फाइनल से पहले सिर्फ दो मुकाबले खेले जाते थे। इसमें अंक तालिका की पहले स्थान की टीम चौथे और दूसरे स्थान की टीम तीसरे स्थान की टीम से भिड़ती थी। दोनों मुकाबलों से जीतने वाली टीम फाइनल खेलती थी। 

क्यों शुरू हुआ प्लेऑफ:

प्लेऑफ से अंक तालिका में शीर्ष में रहने वाली दोनों टीमों को बड़ा फायदा होता है। यहां दोनों टीमें क्वालीफायर 1 खेलती हैं।

इसमें जीतने वाली टीम जहां फाइनल में पहुंचती है वहीं हारने वाली टीम को फाइनल में पहुंचने का एक और मौका मिलता है। 

कहां से आया प्लेऑफ का फॉर्मेट:

किसी टूर्नामेंट में प्लेऑफ फॉर्मेट का इस्तेमाल फुटबॉल में सबसे पहले शुरू हुआ था। इसे इंग्लैंड और यूरोपीय देशों में अपनाया गया था, बाद में चर्चित होने के साथ ही ये प्रचलन में आ गया।

आईपीएल 2011 में पहली बार ऐसा था प्लेऑफ का समीकरण:

जब पहली बार आईपीएल में प्लेऑफ को लागू किया गया तब रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और चेन्नई सुपर किंग्स शीर्ष दो स्थानों पर काबिज थी।

वहीं मुंबई इंडियंस और कोलकाता नाइटराइडर्स क्रमशः तीसरे और चौथे स्थान पर थीं। ऐसे में चेन्नई ने पहले क्वालीफायर में बैंगलोर को हराया और एलिमिनेटर में मुंबई ने कोलकाता को हराया।

इसके बाद दूसरे क्वालीफायर में बैंगलोर ने मुंबई पर जीत हासिल की और बाद में फाइनल में चेन्नई ने आरसीबी को हराकर ट्रॉफी पर कब्ज़ा जमाया।

आईपीएल 2020 में क्या है प्लेऑफ का गणित:

ग्रुप स्टेज में मुंबई इंडियंस पहले स्थान पर रही वहीं दिल्ली कैपिटल्स, सनराइजर्स हैदराबाद और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर क्रमशः दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर रही।

ऐसी स्थिति में अब मुंबई और दिल्ली क्वालीफायर 1 में आपस में भिड़ेंगी तो वहीं एलिमिनेटर राउंड में आरसीबी और एसआरएच आमने-सामने होंगी।

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