युवाओं में साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा, रिपोर्ट में आये आकड़े कर देंगे हैरान

Heart Attack: युवाओं में हार्ट अटैक और फिर तुरंत मौत से डर का माहौल व्याप्त है। मॉर्निंग वॉक, जिमिंग या डांस करते समय हार्ट अटैक की घटनाएं बढ़ी हैं। वैसे तो इसका सही कारण अभी तक सामने नहीं आया है।

Heart Attack: दिल का दौरा पड़ने के बाद मरीज को बेहद सावधानी बरतनी चाहिए। आंकड़े बताते हैं कि हार्ट फेल की घटना के बाद कुल 22.1 फीसदी मरीजों की मौत हुई। जबकि 17.2 फीसदी को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। प्रतिष्ठित नेचर पत्रिका के ताजे अंक में नेशनल हार्ट फेल रजिस्ट्री की रिपोर्ट में ये तथ्य दिए गए हैं। केजीएमयू इस रजिस्ट्री का नोडल सेंटर है। साइलेंट अटैक क्यों हो रहा है इस बारे में कोई सटीक अनुमान नहीं है, लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो दिल में प्लाक जमा होने से यह बीमारी तेजी से युवाओं को अपनी चपेट में ले रही है।

कुल मौतों में इस्केमिक पीड़ित पुरुष ज्यादा, बाकी में महिलाएं
हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में दो तिहाई पुरुष हैं। इस्केमिक पीड़ित पुरुषों की मौत ज्यादा हुई, लेकिन वॉल्व, जन्मजात, संक्रमण और हृदय की मांसपेशी के मोटापे वाली दिल की बीमारियों से महिलाओं की मौत ज्यादा हुई। एक साल में होने वाली मौतों की बात करें कुल 22.1 फीसदी मौतों में से महिलाओं का प्रतिशत 28.9 और पुरुषों का 26.3 फीसदी था।

ज्यादा एक्सरसाइज करना

डॉक्टर्स की मानें तो अधिक एक्सरसाइज या बॉडी को जरूरत से ज्यादा थकान देने से अटैक की घटनाएं बढ़ रही हैं. युवाओं में साइलेंट अटैक के पीछे यह भी माना जा रहा है कि हार्ट की नसों में ब्लॉकेज रूपी प्लाक (blood clot formation) जमने लगता है और एक सीमा के बाद यह फट जाता है, युवाओं में 75 फीसदी अटैक की समस्या प्लाक फटना बताया गया है. युवाओं में ब्लॉकेज रूपी प्लाक जवानी से ही जमने लगता हैं. यह दिल के नसों में जगह-जगह थक्का बनाता है, जिससे खून का संचालन सही तरीके से नहीं हो पाता है. प्लाक जमने से खून को प्रवाहित होने में बाधा उत्पन्न होता है और एक सीमा के बाद यह प्लाक फट जाता है.जिससे साइलेंट अटैक के मामले हो रहे हैं।

धूम्रपान की आदत भी आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। धूम्रपान धमनियों की परत को नुकसान पहुंचाने लगता है जिसमें कोरोनरी धमनियां भी शामिल हैं, जो हृदय को ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति करती हैं। इसके अलावा धूम्रपान से रक्त में फाइब्रिनोजेन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे रक्त का थक्का जम जाता है। इससे हृदय रोगों का खतरा रहता है।

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