लगातार थकावट को न करें इग्नोर, हो सकता है यह सिंड्रोम; अपनाएं ये तरीके

नई दिल्ली। थकावट को अक्सर पोषण रहित डाइट, फिज़िकल एक्टिविटी का न होना और खराब लाइफस्टाइल से जोड़ा जाता है, लेकिन लगातार थकावट महसूस करना एक तरह का सिंड्रोम भी हो सकता है।
जिसे क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम कहते हैं, इसकी वजह से लगातार थकावट महसूस हो सकती है। शारीरिक कार्यों में सुधार और जीवन शैली में कुछ बदलावों से लगातार थकावट का इलाज किया जा सकता है।
आज हम आपको बता रहे हैं लगातार थकावट से निपटने के 4 कारगर तरीके।
नींद
अगर आपके शरीर को अच्छी तरह आराम नहीं मिलेगा तो वह थकान महसूस करेगा। इसलिए आपको सबसे पहले अपने सोने के शेड्यूल को ठीक करना होगा। इसके लिए डॉक्टर से भी परामर्श कर सकते हैं।
विटामिन-डी का सेवन
विटामिन-डी शरीर में ऊर्जा को बढ़ाता है और क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम ने निपटने में अहम भूमिका निभाता है। इसलिए अपनी डाइट में ज़्यादा से ज़्यादा विटामिन-डी को शामिल करें, साथ ही धूप में कुछ देर बैठें।
खाने पर ध्यान
हमारे शरीर के लिए ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत भोजन है। अगर आप क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम से जूझ रहे हैं, तो आपको अपनी डाइट पर ध्यान देने की ज़रूरत है। फैट से भरपूर, तला और प्रोसेस्ड खाना न खाएं। चीनी की मात्रा भी कम करें।
वर्कआउट
आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि एक्सर्साइज़ आपकी ऊर्जा को ख़त्म करने का काम करती है, जबकि असलियत यह है कि एक्सर्साइज़ ताकत और ऊर्जा बनाने में आपकी मदद कर सकती है।
ग्रेडेड एक्सर्साइज़ क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम से जूझ रहे लोगों की मदद कर सकती है। धीरे-धीरे अपनी एक्सर्साइज़ की तीव्रता को बढ़ाएं ताकि शरीर अपने आप एडजस्ट करता रहे।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य से हैं। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।