Delhi News: भगोड़ों की होगी भारत वापसी, लन्दन जाएगी CBI – ED और NIA की टीम

News Update: भारत में आर्थिक अपराधों को अंजाम देकर ब्रिटेन भागे भगोड़ों पर सरकार का शिकंजा कसने जा रहा है। सरकार तीन केंद्रीय एजेंसियों से गठित एक जांच दल को ब्रिटेन भेज रही है जो वहां यह पता करेगी कि इन विजय माल्या, नीरव मोदी, संजय भंडारी जैसे अपराधियों ने कितनी संपत्तियां बनाई हैं।

इमेज क्रेडिट : सोशल मीडिया

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भगोड़ों की अब खैर नहीं है। केंद्र सरकार भारत में घोटाला करके विदेश भागने वालों को वापस लाने के लिए तेज प्रयास करने जा रही है। एजेंसियों की रडार पर रक्षा डीलर संजय भंडारी, हीरा व्यापारी नीरव मोदी, किंगफिशर एयरलाइंस प्रमोटर विजय माल्या समेत कई बड़े नाम हैं। इन तीनों को भारत वापस लाने के लिए हाई लेवल अफसरों की टीम ब्रिटेन जा सकती है.

भारतीय संपत्ति हड़पने और देश छोड़ने वालों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियां बड़ा एक्शन लेने जा रही हैं। विदेश में बैठे भगोड़ों को पकड़ने के लिए इन एजेंसियों की टीमें खुद वहां पहुंचेगी और इसे पूरा करने में मदद करेंगी। मालूम हो कि रक्षा डीलर संजय भंडारी, हीरा व्यापारी नीरव मोदी और किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमोटर विजय माल्या सहित भारत से भागे तमाम भगोड़े सालों से ब्रिटेन में बैठे हैं।

अब उनके प्रत्यर्पण में तेजी लाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक उच्च स्तरीय टीम जल्द ही ब्रिटेन रवाना हो रही है। अपराध से कमाई गई उनकी संपत्ती को जब्त करने के लिए ब्रिटेन और अन्य देशों में उनकी संपत्तियों की पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

ब्रिटिश अधिकारियों के साथ होगी बैठक

सूत्रों का कहना है कि इस दल की अगुवाई विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं। लंदन में भारतीय उच्चायोग ने यूके के अधिकारियों के साथ बैठकें तय की हैं। इन बैठकों में वही सबूत जुटाए जाएंगे जिनसे मालूम चले कि भगोड़ों ने लंदन में कितनी संपत्ति हथिया ली है और उनके बैंक खातों में क्या लेनदेन हुए हैं।

हथियार डीलर भंडारी 2016 में फरार हो गया था। इससे पहले आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने यूपीए सरकार के दौरान हुए कई रक्षा सौदों की जांच शुरू की थी। ईडी के मुताबिक, भंडारी ने लंदन और दुबई में संपत्ति हथिया ली थी, जिन्हें बाद में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा के सहयोगी माने जाने वाले सीसी थंपी के नियंत्रण वाली कंपनियों के नाम कर दिया गया था।

लंबित है तीनों भगोंड़ों का प्रत्यर्पण

भंडारी, मोदी और माल्या का प्रत्यर्पण फिलहाल यूके में अटका हुआ है क्योंकि उन्होंने भारत वापसी के खिलाफ उच्च अदालतों में अपील कर रखी है। ईडी ने पहले ही भारत में उनकी संपत्तियों को जब्त कर लिया है। विजय माल्या और नीरव मोदी की हजारों करोड़ की संपत्ति बेचकर बैंकों का बकाया चुकाया जा चुका है।

लंदन जाने वाला दल लंबित सूचनाओं के आदान-प्रदान पर बातचीत करने वाला है जो आपसी कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) के तहत काफी समय से यूके के अधिकारियों के पास लंबित है। भारत और यूके दोनों ही एमएलएटी के हस्ताक्षरकर्ता हैं और आर्थिक अपराधियों और अन्य से जुड़े आपराधिक मामलों की जांच के लिए सूचना साझा करने के लिए बाध्य हैं। एनआईए की टीम इस समय खालिस्तानी आंदोलन में शामिल कई आतंकवादी संदिग्धों की जांच कर रही है।

करोड़ों के घोटाले व धोखाधड़ी का आरोप

हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय एमएलएटी से संबंधित सभी मामलों को देखने के लिए नोडल मिनिस्ट्री है, लेकिन इस मामले में यूके के साथ बातचीत के लिए विदेश मंत्रालय को शामिल किया गया है क्योंकि सभी अनुरोध उसी के जरिए दूसरे देशों को भेजे जाते हैं। नीरव मोदी पर पीएनबी की 6,500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के धोखाधड़ी के आरोप हैं, जबकि बैंकों को ठगने के लिए माल्या की 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क और जब्त की गई थी।

ईडी कई रक्षा सौदों में कथित तौर पर मिले रिश्वत के सिलसिले में भंडारी, थंपी और वाड्रा की जांच कर रही है। एजेंसी ने भारत में भंडारी की 26 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति पहले ही कुर्क कर ली है और उसके खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया है, जबकि एक विशेष अदालत ने उसे माल्या और मोदी की तरह भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया है।

Back to top button