Work-Life Balance के खिलाफ भारत में बहती उलटी गंगा… दीपिका पादुकोण ने दी प्रतिक्रिया

90-Hour Work Week: दुनिया भर के तमाम देश अपने नागरिकों के फिजिकल और मेंटल हेल्थ को सही रखने के लिए तमाम कोशिशें कर रहे हैं। तो वहीं भारत में ‘वर्क लाइफ बैलेंस’ के खिलाफ उल्टी गंगा बहती हुई दिख रही है। लार्सन एंड टूब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यम ने 90 घंटे काम करने की सलाह देकर इस बहस को गरमा दिया है। सुब्रह्मण्यम ने उत्पादकता बढ़ाने के लिए लंबे कामकाजी घंटों के विचार का समर्थन किया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि कर्मचारियों को रविवार को भी काम करना चाहिए।

90 घंटे सप्‍ताह में काम करने के बयान के बाद एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन ट्रोल भी हो रहे हैं. लोगों का ये मानना है कि अगर 90 घंटे सप्‍ताह में काम करेंगे, तो फिर घर या अन्‍य कामों के लिए वक्‍त ही कहां बचेगा? इस चर्चा में कई दिग्‍गजों ने अपनी बात रखी है.

क्‍यों छिड़ी ये बहस?
एक मीटिंग के दौरान ही एलएंडटी के चेयरमैन सुब्रमण्‍यन से जब अनिवार्य वर्क डे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो मुझे खेद है कि मैं आपसे रविवार को काम नहीं करवा पा रहा हूं. अगर मैं आपसे रविवार को काम करवा सकूं तो मुझे ज्यादा खुशी होगी, क्योंकि मैं रविवार को भी काम करता हूं.” उन्होंने आगे कहा कि घर पर बैठकर क्या करते हो? तुम कितनी देर तक अपनी पत्नी को घूर सकते हो? पत्‍नी कब तक अपने पति को निहार सकती है? दफ़्तर जाओ और काम शुरू करो.” उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है.

दीपिका पादुकोण ने दी प्रतिक्रिया
लार्सन एंड टुब्रो के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन के इस बयान पर देश में एक बार फिर वर्क लाइफ बैलेंस को लेकर बहस छिड़ गई है। देशभर में लोग एसएन सुब्रह्मण्यन के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इस मुद्दे पर देश के कई बड़ी हस्तियों ने भी अपना रिएक्शन दिया है। बॉलीवुड के फेमस एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने भी इस मुद्दे पुर अपनी प्रतिक्रिया दी। एक्ट्रेस ने पत्रकार फेय डिसूजा की इसी बारे में पोस्ट की रिपोस्ट की और लिखा, “ऐसे वरिष्ठ पदों पर बैठे लोगों को इस तरह के बयान देते देखना चौंकाने वाला है।” उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी अपने पोस्ट में

दीपक शेनॉय ने अपने एक पोस्ट में लिखा
एसएन सुब्रह्मण्यन के बाद एक्स पर कैपिटलमाइंड के संस्थापक और सीईओ दीपक शेनॉय ने लिखा कि मैंने अपने पूरे कार्यकाल में शायद सप्ताह में 100 घंटे काम किया है, लेकिन उसमें से अधिकांश काम मैंने एक कारोबारी के तौर पर किया है। आपको काम के घंटे लागू करने की जरूरत नहीं है, जो लोग प्रेरित हैं वे खुशी से काम करेंगे। वैसे भी अधिकतर असली काम दिन में 4-5 घंटे में होता है, लेकिन आपको नहीं पता कि ऐसा कब होता है।

दीपक शेनॉय ने आगे लिखा कि मुझे अभी भी बैठकों को काम कहना मुश्किल लगता है, लेकिन इसमें उस काम से ज्यादा ऊर्जा लगती है जिसे मैं काम कहता हूं। कुछ हद तक यह काम ‘एक्स’ घंटे का तर्क मेरे लिए समझ से परे है। जब मैं खेलता हूं, तो मैं जमकर खेलता हूं। जब मैं काम करता हूं, तो मैं जमकर काम करता हूं।

RPG Group के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने कसा तंज
‘संडे का नाम बदलकर ‘सन-ड्यूटी’ क्यों न कर दिया जाए’ कुछ उद्योग जगत के लीडर्स ने प्रति सप्ताह 80-90 घंटे काम करने के विचार का समर्थन किया, वहीं कुछ ने 90 घंटे के कार्य सप्ताह की अवधारणा पर चिंता जताई. आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने एक्स प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में कहा कि सप्ताह में 90 घंटे? संडे का नाम बदलकर ‘सन-ड्यूटी’ क्यों न कर दिया जाए और ‘छुट्टी का दिन’ को एक मिथकीय अवधारणा क्यों न बना दिया जाए? मैं कड़ी मेहनत और समझदारी से काम करने में विश्वास करता हूं, लेकिन जीवन को एक सतत कार्यालय शिफ्ट में बदल देना? यह सफलता नहीं, बल्कि बर्नआउट का नुस्खा है.

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