ISRO ने जारी किया चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर के बाहर आने का VIDEO
चंद्रयान-3 के लैंडर से छह पहियों और 26 किलो वाले प्रज्ञान रोवर के बाहर आने का पहला वीडियो इसरो ने शुक्रवार को शेयर किया। इसने गुरुवार से चंद्रमा की सतह पर घूमना शुरू किया है। लैंडिंग के करीब 14 घंटे बाद गुरुवार सुबह ISRO ने रोवर के बाहर आने की पुष्टि की। लैंडर 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा पर उतरा था।

चांद की सतह पर आते ही रोवर ने सबसे पहले अपने सोलर पैनल खोले। ये 1 सेमी प्रति सेकेंड की गति से चलता है और अपने आस-पास की चीजों को स्कैन करने के लिए नेविगेशन कैमरों का इस्तेमाल कर रहा है। रोवर 12 दिनों में लैंडर के आसपास आधा किमी घूमेगा।
चांद की मिट्टी पर अशोक स्तंभ और इसरो लोगो की छाप
प्रज्ञान रोवर के पीछे के दो पहियों पर भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ और इसरो लोगो के इंडेंट हैं। जैसे ही रोवर चंद्रमा पर उतरा तो उसके पहियों ने चांद की मिट्टी पर इन प्रतीकों की छाप छोड़ी। रोवर में दो पेलोड भी लगे हैं जो पानी और अन्य कीमती धातुओं की खोज करेंगे।
इससे पहले इसरो ने चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से चंद्रयान-3 के लैंडर की तस्वीरें शेयर की थी। इसरो ने शुक्रवार को अपने X हैंडल पर इसकी एक फोटो शेयर की, लेकिन बाद में डिलीट कर दी। इसमें विक्रम लैंडर चांद की सतह पर दिख रहा है।
इन तस्वीरों को ऑर्बिटर पर लगे हाई-रेजोल्यूशन कैमरा (OHRC) से लिया गया है। ये चंद्रमा की ऑर्बिट में वर्तमान में मौजूद सबसे अच्छे रेजोल्यूशन वाला कैमरा है। नासा का ऑर्बिटर भी चांद की कक्षा में है, उसका कैमरा भी इतना पावरफुल नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को बेंगलुरु में ISRO के हेडक्वार्टर पहुंचेंगे। वहां वो वैज्ञानिकों से मिलकर उन्हें चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की बधाई देंगे। चंद्रयान-3 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था। इसे चांद की सतह पर लैंड करने में 41 दिन लगे।
