Kerala: BJP नेता की हत्या मामले में केरला कोर्ट का बड़ा फैसला, PFI से जुड़े 14 लोगों को मौत की सजा

भाजपा के ओबीसी मोर्चा के प्रदेश सचिव रंजीत श्रीनिवासन पर पीएफआई और ‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया’ (एसडीपीआई) से जुड़े कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया था। इस दौरान श्रीनिवासन की मौत हो गई थी। मामले में कोर्ट ने पीएफआई के लोगों को दोषी करार दिया था।

इमेज क्रेडिट: सोशल मीडिया

केरल की एक अदालत ने अलप्पुझा में दो साल पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता की हत्या के मामले में प्रतिबंधित इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े 14 दोषियों को मौत की सजा सुनाई है। भाजपा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के नेता के मर्डर केस में कोर्ट ने इन्हें एक हफ्ते पहले ही दोषी करार दिया था। मामले में मावेलिक्कारा की अतिरिक्त जिला सत्र अदालत ने अब सजा का एलान किया है।

अभियोजन पक्ष ने दोषियों के लिए अधिकतम सजा का अनुरोध करते हुए कहा था कि पीएफआई के ये सदस्य एक ‘‘प्रशिक्षित हत्यारा दस्ता” से जुड़े थे और जिस क्रूर तथा वीभत्स तरीके से पीड़ित को उसकी मां, बच्चे और पत्नी के सामने मारा गया वह इसे ‘‘दुर्लभ से दुर्लभतम” की श्रेणी के अपराध के दायरे में लाता है.

क्या था मामला
आरोप था कि 19 दिसंबर 2021 में भाजपा के ओबीसी मोर्चा के प्रदेश सचिव रंजीत श्रीनिवासन पर पीएफआई और ‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया’ (एसडीपीआई) से जुड़े कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया था। इस दौरान उनके घर में उन्हें परिवार के सामने ही बुरी तरह पीटा गया और उनकी हत्या कर दी गई थी। इस घटना से कुछ पहले ही 18 दिसंबर की रात को एक गिरोह ने एसडीपीआई नेता केएस. शान की हत्या कर दी थी। घटना के समय वह अलप्पुझा में अपने घर लौट रहे थे। माना जा रहा था कि कट्टरपंथी भीड़ इससे गुस्सा गई और बदले में रंजीत की हत्या कर दी।

विशेष अभियोजक प्रताप जी पडिक्कल के अनुसार, अदालत ने पाया था कि 15 आरोपियों में से एक से आठ तक सीधे तौर पर मामले में संलिप्त थे. अदालत ने चार आरोपियों (अभियुक्त संख्या नौ से 12) को भी हत्या का दोषी पाया था. क्योंकि वे अपराध में सीधे तौर पर शामिल लोगों के साथ थे और घातक हथियारों से लैस होकर घटनास्थल पर पहुंचे थे.

विशेष अभियोजक के मुताबिक, दोषियों का उद्देश्य श्रीनिवासन को भागने से रोकना और उनके चीखने की आवाज सुनकर घर में प्रवेश करने वाले किसी भी व्यक्ति को रोकना था.

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