यहाँ जानिए आस्था के महापर्व छठ पूजा का सम्पूर्ण कार्यक्रम

सूर्य उपासना का पर्व है छठ पूजा

नहाय-खाय से प्रारंभ होने वाला आस्था का महापर्व छठ पूजा हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस बार षष्ठी तिथि 20 नवंबर 2020, शुक्रवार को है।

छठ पूजा बिहार और झारखंड के निवासियों का प्रमुख त्योहार है लेकिन अब इसका उत्सव पूरे उत्तर भारत में देखने को मिलता है।

सूर्य उपासना के इस पर्व को प्रकृति प्रेम और प्रकृति पूजा का सबसे अच्छा उदाहरण भी माना जाता है।

चार दिन तक चलने वाले छठ पूजा पर्व पर यूपी, बिहार और झारखंड में जबरदस्त उत्सव और उत्साह का महौल देखने को मिलता है।

इस बार कोरोना महामारी का प्रकोप होने के चलते कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में पाबंदियां लगी हुई हैं। इसके बादजूद भी लोगों का जुनून और आस्था कम होती नहीं दिख रही।

कब है नहाय-खाय?

छठ पूजा की शुरुआत षष्ठी तिथि से दो दिन पूर्व चतुर्थी से हो जाती है जो कि इस बार बुधवार को है। चतुर्थी को नहाय-खाय होता है।

नहाय-खाय के दिन लोग घर की साफ-सफाई/पवित्र करके पूरे दिन सात्विक आहार लेते हैं। इसके बाद पंचमी तिथि को खरना शुरू होता है जिसमे व्रती को दिन में व्रत करके शाम को सात्विक आहार जैसे- गुड़ की खीर/ कद्दू की खीर आदि लेना होता है। पंचमी को खरना के साथ लोहंडा भी होता है जो सात्विक आहार से जुड़ा है।

षष्ठी को रखते हैं निर्जला व्रत-

छठ पूजा के दिन षष्ठी को व्रती को निर्जला व्रत रखना होता है। यह व्रत खरना के दिन शाम से शुरू होता है।

छठ यानी षष्ठी तिथि के दिन शाम को डूबते सूर्य को अर्घ देकर अगले दिन सप्तमी को सुबह उगते सूर्य का इंतजार करना होता है।

सप्तमी को उगते सूर्य को अर्घ देने के साथ ही करीब 36 घंटे चलने वाला निर्जला व्रत समाप्त होता है।

छठ पूजा का व्रत करने वालों का मानना है कि पूरी श्रद्धा के साथ छठी मइया की पूजा-उपासना करने वालों की मनोकामना पूरी होती है।

छठ पूजा की तिथियां-

18 नवंबर 2020, बुधवार- चतुर्थी (नहाय-खाय)

19 नवंबर 2020, गुरुवार- पंचमी (खरना)

20 नवंबर 2020, शुक्रवार- षष्ठी (डूबते सूर्य को अर्घ)

21 नवंबर 2020, शनिवार- सप्तमी (उगते सूर्य को अर्घ)

ध्यान दें: षष्ठी को सूर्यादय 06:48 बजे और सूर्योस्त 05:26 बजे पर होगा। षष्ठी तिथि 19 नवंबर को रात 09:59 बजे से प्रारम्भ होगी जो 20 नवंबर को रात 09:29 बजे तक रहेगी।

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