महुआ मोइत्रा की सांसदी पर खतरा, एथिक्स कमेटी द्वारा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में बढ़ने वाली हैं. पार्लियामेंट एथिक्स कमेटी आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश कर सकती है. पिछली बैठक में जबरदस्त हंगामा खड़ा हो गया था. कुछ विपक्षी सदस्यों ने कमेटी का वॉकआउट किया था. महुआ ने कमेटी प्रमुख पर गलत सवाल पूछने का आरोप लगाया था.

इमेज क्रेडिट-सोशल मीडिया प्लेटफार्म

टीएमसी सासंद महुआ मोइत्रा की सदस्यता जाएगी या नहीं, आज इसका पता चल जाएगा. पार्लियामेंट एथिक्स कमेटी की आज बैठक होने वाली है. कहा जा रहा है कि इस बैठक में एथिक्स कमेटी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश कर सकती है. उधर, दानिश अली पर भी एक्शन की बात कही जा रही है क्योंकि उन्होंने समिति के चेयरमैन के खिलाफ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया था.

बता दें कि पार्लियामेंट एथिक्स कमेटी में कुल 15 मेंबर हैं. इनमें बीजेपी के सात, कांग्रेस के तीन और बसपा, शिवसेना, वाईएसआर कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और जदयू के एक-एक सदस्य शामिल हैं. इस पूरे मामले में 500 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की है. विपक्षी दलों की असहमति के बावजूद पार्लियामेंट एथिक्स कमेटी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से कार्रवाई की सिफारिश की है.

विपक्षी सदस्य असहमति जता सकते हैं विपक्षी सदस्य

कांग्रेस के एन उत्तम कुमार रेड्डी और वी वैथिलिंगम एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर अपनी असहमती जता सकते हैं ऐसा सूत्रों के हवाले से संभावना है . वहीं, कांग्रेस कोटे से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह परनीत कौर असहमति नोट दे सकती हैं. इसके अलावा बसपा सांसद दानिश अली भी लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट पर असहमति जता सकते हैं.

वॉकआउट किया था विपक्षी सदस्यों ने

विपक्षी सांसद गिरधारी यादव, दानिश अली, उत्तम रेड्डी, नटराजन, वैठलिंगम ने एथिक्स कमेटी का वॉकआउट किया था. बैठक से बाहर निकलने के बाद महुआ मोइत्रा भी भड़क गई थीं. महुआ के साथ-साथ बसपा सांसद दानिश अली ने भी सोनकर के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया था. महुआ ने सोनकर पर गंदे सवाल पूछने का आरोप लगाया था.

इस कहानी में दूसरा अहम किरदार भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का है। 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे और तोहफे लिए थे।

गोड्डा झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 2009 में राजनीति में कदम रखा था। इससे पहले वे एस्सार ग्रुप में कॉर्पोरेट हेड थे। उन्होंने 2009 में गोड्डा से पहला चुनाव जीता था। इसके बाद 2014 और 2019 में भी जीत हासिल की।

Back to top button