Hindi Diwas: आज मनाया जा रहा है हिंदी दिवस, जानें इसके इतिहास की रोचक बातें
हिंदी दिवस: भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर, 1949 को देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया। आधिकारिक तौर पर पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर, 1953 को मनाया गया था।

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। भारत के अधिकतर हिस्से में हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है। 2011 की जनगणना में यह पाया गया की 43.63% लोग हिंदी भाषा को ही अपनी मूल भाषा या मातृभाषा मानते हैं। हिंदी भाषा के विकास के लिए और लोगो को हिंदी भाषा की महत्ता समझने के लिए वर्ष 1953 से हर साल 14सितंबर के दिन हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।हिंदी को आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में अपनाने के पीछे का कारण अनेक भाषाओं वाले राष्ट्र में प्रशासन को सरल बनाना था।
हिंदी दिवस का इतिहास
भारत के अधिकतर हिस्से में हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है। सबसे पहले वर्ष 1918 में हुए हिंदी साहित्य सम्मेलन में महात्मा गांधी जी ने हिंदी भाषा को राजभाषा बनाने का विचार रखा था। उस सम्मेलन में गांधी जी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहकर संबोधित किया था। 14 सितंबर 1949 को स्वतंत्र भारत की संविधान सभा में काफी विचार विमर्श के बाद यह फैसला लिया गया कि संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी। जिसका वर्णन भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की अनुच्छेद 343(1) में किया गया है। इसी कारण वर्ष प्रति वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप से पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है। 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का दूसरा मुख्य कारण यह भी है कि इसी दिन हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार राजेंद्र सिंह जी का जन्मदिवस भी होता है।
कैसे मनाते है हिंदी दिवस
शिक्षा संस्थानों में प्रत्येक वर्ष हिंदी दिवस मनाने के लिए कई कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इन आयोजनों का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को हिंदी भाषा की प्रति सम्मान की भावना बढ़ाना होता है। इन कार्यक्रमों में कई प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है, जिनमे हिंदी निबंध लेखन, वाद–विवाद, कवि सम्मेलन, पोस्टर आदि शामिल है। सरकार द्वारा भी आज के दिन कार्यक्रम किया जाता है जिनमे वो ऐसे व्यक्तित्व को पुरस्कार देके सम्मानित करते हैं जिन्होंने हिंदी भाषा के प्रयोग और उत्थान के लिए विशेष योगदान दिया हो। कही कही जिसके लिए सम्मान स्वरूप धन राशि भी दिए जाते हैं।
