21वीं सदी में सशक्त होते भारत का जयघोष है डिजिटल इंडिया: पीएम मोदी

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में पीएम मोदी का वर्चुअल संबोधन

नई दिल्ली। डिजिटल इंडिया अभियान के आज छह वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लाभार्थियों के साथ बातचीत की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा से लेकर चिकित्सा तक के लिए विकसित किए गए डिजिटल प्लेटफॉर्म से आज करोड़ों भारतीयों को फायदा हो रहा है।

डिजिटल इंडिया ने दूर-दूर तक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाई है। हम सभी ने देखा है कि डिजिटल इंडिया ने कोरोना काल के दौरान कितने प्रभावी ढंग से काम किया।

जब विकसित देश ऐसा करने में विफल रहे, तो भारत डीबीटी के माध्यम से अपने जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहा था, जो कि लगभग 7 लाख करोड़ रुपये थी।

पीएम मोदी ने कहा कि कोविन ने दुनियाभर के कई देशों से रुचि आकर्षित की है। टीकाकरण अभियान के लिए कोविन जैसा निगरानी उपकरण हमारी तकनीकी ताकत का प्रमाण है।

हमने अनुभव किया है कि डिजिटल इंडिया ने कोरोना महामारी के दौरान हमारे जीवन को कितना आसान बना दिया है।

डिजिटल इंडिया मिशन के तहत बुनियादी ढांचे के विकास के पैमाने और गति पर अधिक ध्यान दिया गया। भारत के गांवों में लगभग 2.5 लाख सीएससी इंटरनेट को उन जगहों पर ले गए हैं, जहां कुछ समय पहले इसे मुश्किल समझा जाता था।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि डिजिटल इंडिया के माध्यम से ही एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड को सच किया जा रहा है।

इससे प्रवासी कामगारों को सबसे ज्यादा फायदा हो रहा है, क्योंकि उन्हें अब नए राशन कार्ड नहीं बनाने पड़ेंगे।

डिजिलॉकर इस बात का एक अच्छा उदाहरण है कि डिजिटल इंडिया कितना प्रभावी रहा है। स्कूल/कॉलेज, आधार, पैन, वोटर आईडी कार्ड जैसे सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज अब डिजिलॉकर पर आसानी से और सुरक्षित रूप से संग्रहीत किए जा सकते हैं।

किसानों के जीवन में आया अभूतपूर्व परिवर्तन

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसानों के जीवन में डिजिटल लेनदेन से अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 10 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों को 1 लाख 35 करोड़ रुपये सीधे बैंक अकाउंट में जमा किए गए हैं।

डिजिटल इंडिया ने वन नेशन, वन MSP की भावना को भी साकार किया है। इस वर्ष गेहूं की रिकॉर्ड खरीद के लगभग 85,000 करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचे हैं।

ईनाम पोर्टल से ही अब तक देश के किसान 1 लाख 35 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन कर चुके हैं।

21वीं सदी में सशक्त होते भारत का जयघोष है डिजिटल इंडिया

पीएम मोदी ने अभियान के 6 वर्ष पूरे होने पर देश को को शुभकामनाएं दी और कहा कि आज का दिन भारत के सामर्थ्य, भारत के संकल्प और भविष्य की असीम संभावनाओं को समर्पित है।

डिजिटल इंडिया, भारत का संकल्प है। डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत की साधना है। डिजिटल इंडिया, 21वीं सदी में सशक्त होते भारत का जयघोष है।

जन सामान्य की सुविधा बढ़ाना समय की मांग

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि ‘मिनिमम गवर्मेंट मैक्सिमम गवर्नेंस’ के सिद्धातों पर चलते हुए सरकार और जनता के बीच सिस्टम और सुविधाओं के बीच समस्याओं और सर्विस के बीच का गैप कम करना, इनके बीच की मुश्किलें कम करना और जन सामान्य की सुविधा बढ़ाना ये समय की मांग है।

शिक्षा का डिजिटल होना आज समय की मांग

इससे पहले लाभार्थियों से बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शिक्षा का डिजिटल होना आज समय की मांग है। अब हमारी कोशिश है कि गांव में सस्ती और अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी मिले। सस्ते मोबाइल और दूसरे माध्यम उपलब्ध हो ताकि गरीब से गरीब बच्चा भी अच्छी पढ़ाई कर पाएं।

प्रधानमंत्री मोदी ने ई-नाम योजना के लाभार्थी के साथ बात की। उन्होंने कहा कि ई-नाम पोर्टल इसलिए बनाया गया है, ताकि किसान देश की सभी मंडियों में अपनी फसल का सौदा कर सके। इस पोर्टल पर किसान और व्यापारी बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं।

डिजिटल एग्रीकल्चर के जरिए किसान अपनी फसल बेच रहे हैं- रविशंकर प्रसाद

इससे पहले केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि छह साल डिजिटल इंडिया के पूरे हो गए।

गरीबों के बैंक खाते खोले गए। कल्याणकारी योजनाओं के पैसे सीधे गरीबों के बैंक खाते में डाले हैं। आज डिजिटल एग्रीकल्चर के जरिए किसान अपनी फसल बेच रहे हैं।

भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई थी पहल

बता दें कि डिजिटल इंडिया अभियान को 1 जुलाई 2015 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था।

डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के एमडी और सीईओ अभिषेक सिंह ने कहा कि यह एक बहुत ही संवादात्मक और सूचनात्मक सत्र रहा, जिसमें प्रधानमंत्री ने देशभर के डिजिटल इंडिया के लाभार्थियों से बात की।

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