Rameshwaram Blast: एनआईए द्वारा गिरफ्तार आरोपियों से बड़ा खुलासा, आतंकी ग्रुप ISIS से संपर्क..

Rameshwaram Cafe Blast Accused: कैफे विस्फोट मामले में गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों से एनआईए द्वारा पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। दोनों आतंकी ISIS-अल हिंद मॉड्यूल से जुड़े हैं। दक्षिण भारत के राज्य खासकर कर्नाटक, केरल और महाराष्ट्र इस मॉड्यूल के निशाने पर हैं।

इमेज क्रेडिट-सोशल मीडिया

रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में एनआईए को बीते दिन बड़ी सफलता मिली। जांच एजेंसी ने दो मुख्य आरोपियों को बंगाल से गिरफ्तार किया। आरोपियों में मुसाविर हुसैन शाजिब इस ब्लास्ट का मास्टरमाइंड है और वहीं, अदबुल मथीन अहमद ताहा इस विस्फोट कांड को अंजाम देने वाला शख्स है। गिरफ्तार हुए दोनों आरोपियों की योजना बड़े पैमाने पर इन राज्यों में विस्फोट करने की थी। एनआईए सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर आईएसआईएस खुरासान के निर्देश पर इस मॉड्यूल को पिछले तीन सालों से संचालित किया जा रहा है।

खुफिया एजेंसी का यह भी मानना है अब्दुल मतीन और मुसाबिर को विदेश से निर्देश मिलते थे। ISIS अल हिंद मॉड्यूल देश के लिए बड़ा खतरा है। कई राज्यों में अल हिंद मॉड्यूल के स्लीपर सेल फैले हैं।

हिंदू नाम से फर्जी आईडी बरामद

सूत्रों के मुताबिक जाली आधार कार्ड के आधार पर अब्दुल मतीन ताहा और मुसाबिर हुसैन शाजिब फर्जी पहचान पत्रों के आधार पर कई होटलों में रुके थे। इन्होंने फर्जी आधार कार्ड देकर कई होटलों में ठहरने का काम किया। अपनी पहचान को छिपाने के लिए इन्होंने हिन्दू नाम से आधार कार्ड बनाए। रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के आतंकी कोलकाता में कई दिन तक होटल बदल- बदल कर छुपे रहे।

अधिकारियों ने बताया, “माना जाता है कि शाजिब ने कैफे में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) रखा था, जबकि हमले के पीछे ताहा का मास्टरमाइंड होने का संदेह है।” एनआईए ने 3 मार्च को जांच अपने हाथ में ली और दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 10-10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी।

कोलकाता की एक अदालत ने शुक्रवार को आरोपियों को 3 दिन की ट्रांजिट रिमांड दी, जिससे एनआईए को आगे की जांच के लिए उन्हें कर्नाटक की राजधानी लाने की अनुमति मिल गई। बेंगलुरु में एनआईए अदालत में पेश किए जाने से पहले दोनों संदिग्धों को नियमित चिकित्सा परीक्षण से गुजरना होगा।

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