यूपी में सियासत का सेमीफाइनल… रावण की एंट्री से उपचुनाव की लड़ाई हुई दिलचस्प

UP By Election 2024 Date: लोकसभा चुनाव 2024 के बाद से उत्तर प्रदेश में उपचुनाव होने के कयास लगाए जा रहे थे. अब 5 महीने बाद यूपी में 2027 के महामुकाबले से पहले के सेमीफाइनल की तारीखें घोषित कर दी गईं. केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित करने के साथ यूपी की 10 सीट पर उपचुनाव की डेट का भी एलान कर दिया है. वैसे, उपचुनाव की तारीखों के एलान से पहले ही प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी थीं.

महाराष्ट्र में एक चरण में चुनाव होगा. सभी 288 सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग होगी. वहीं झारखंड में 2 चरण में चुनाव होंगे. यहां पर 13 और 20 नवंबर को वोटिंग होगी. यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव 13 नवंबर को वोटिंग होगी. महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ यूपी के उपचुनाव की मतगणना 23 नवंबर को होगी.

इन सीटों पर होना है उपचुनाव
बता दें कि उत्तर प्रदेश की दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, जिसमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर सीट शामिल है. इनमें से पांच सीटों पर सपा का कब्जा था जबकि तीन सीटों पर बीजेपी और एक-एक सीट रालोद और निषाद पार्टी के खाते में थी.

क्यों खाली हुई थीं यूपी की 10 विधानसभा सीटें
यूपी की जिन दस सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें से 9 सीटें विधायकों के सांसद बन जाने के बाद खाली हुई हैं जबकि एक सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा मिलने के बाद रिक्त हुई है. नियम के मुताबिक चुनाव आयोग के छह महीने के भीतर रिक्त हुई सीटों पर उपचुनाव कराने होते हैं. ये सभी सीटें जून में लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद रिक्त हुई हैं।

उपचुनाव की लड़ाई हुई दिलचस्प
इधर यूपी में भी उपचुनाव की तैयारियां तेज हैं. बीजेपी, सपा, कांग्रेस समेत तमाम दलों ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. जहां बीजेपी ने सीएम योगी और दोनों डिप्टी सीएम समेत वरिष्ठ नेताओं को दो-दो सीटें जिताने की ज़िम्मेदारी दी है तो वहीं सपा ने भी छह सीटों पर प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं. इधर कांग्रेस ने प्रदेश की सभी दस सीटों पर प्रभारी बना दिए हैं. बसपा भी इस बार पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर गई है.

इस चुनाव में आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद भी इंडिया गठबंधन के लिए बड़ी चुनौती के रूप में उभर सकते हैं. नगीना सांसद ने भी सभी दस सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है. इससे दलित वोटरों को बंटना तय है.

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