कोयले की कोई कमी नहीं, बिजली संकट की आशंका को सरकार ने बताया गलत

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नई दिल्‍ली। देश में कोयले की कमी के चलते बिजली संकट की आशंका को सरकार ने गलत बताया है। केंद्रीय बिजली मंत्रालय के एक ट्वीट में कहा गया है कि थर्मल पावर प्‍लांट्स में कोयले के भंडार समीक्षा की है। देश में पावर प्‍लांट्स की मांग को पूरा करने के लिए कोयला मौजूद है। इसकी कमी और बिजली संकट की आशंका पूरी तरह से गलत है।

दिल्‍ली के बिजली संयंत्रों में केवल एक ही दिन का कोयला शेष रहने के सीएम के बयान पर बिजली मंत्री आरके सिंह ने कहा कि दिल्‍ली के पास 3-4 दिन का कोयला बचा है। उन्‍होंने कोयले की कमी को भी गलत करार दिया है।

इस मुद्दे पर कोयला मंत्रालय की तरफ से भी कुछ ट्वीट कर स्थिति को साफ किया गया है। इसमें कहा गया है कि देश में कोयले का आयात कम करने के लिए घरेलू कोयले की आपूर्ति बढ़ाई गई है।

आत्‍मनिर्भर दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में घरेलू कोयले पर आधारित बिजली उत्पादन में 24 फीसद की वृद्धि हुई है और आयातित कोयले की सप्लाई 30 फीसद कम हुई है।

कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट कर कोयला आपूर्ति और कोल स्टॉक के बीच का भेद को भी समझाया है। अपने ट्वीट में उन्‍होंने लिखा है कि देश में बिजली उत्पादन के लिए जरूरी कोयले की मांग की पूर्ति कोल इंडिया और दूसरी कंपनियां हर रोज करती हैं। वर्तमान में कोयला आपूर्ति अपने सर्वोच्च स्तर पर है। इससे आने वाले दिनों में पावर प्लांट्स का कोल स्टॉक बढ़ जाएगा।

एक अन्‍य ट्वीट में उन्‍होंने लिखा है कि वित्त वर्ष की पहली छमाही में कोल पीएसयू कोल इंडिया ने अब तक का सबसे अधिक कोयला उत्पादन एवं आपूर्ति की है।

इस वर्ष 263 एमटी कोयला उत्पादन के साथ कोल इंडिया लिमिटेड ने पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 6.3 फीसद की वृद्धि दर्ज की है। साथ ही, 323 एमटी के साथ गत वर्ष से 9 फीसद अधिक कोल ऑफ-टेक किया है।

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