SC ने खारिज की पद्मनाभस्वामी मंदिर ट्रस्ट की याचिका, आडिट जल्द कराए जाने के निर्देश

padmnabh swami mandir

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार को तत्कालीन त्रावणकोर शाही परिवार द्वारा बनाए गए पद्मनाभस्वामी मंदिर ट्रस्ट की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पिछले साल कोर्ट द्वारा तिरुवनंतपुरम स्थित मंदिर के लिए 25 साल के आडिट किए जाने के आदेश से छूट देने की मांग की गई थी।

पीटीआइ के मुताबिक, न्यायमूर्ति यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ (जिसमें जस्टिस एस रवींद्र भट और बेला एम त्रिवेदी भी शामिल है) ने कहा कि आडिट जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए। पीठ ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि जिस आडिट के संबंध में कहा गया था, वह केवल मंदिर तक ही सीमित नहीं था बल्कि ट्रस्ट के संबंध में भी था। इस निर्देश को 2015 के आदेश में दर्ज मामले में न्याय मित्र की रिपोर्ट के आलोक में देखा जाना चाहिए।’

लाइव ला के मुताबिक, मंदिर के लिए गठित प्रशासनिक समिति के प्रशासनिक पर्यवेक्षण से इसे मुक्त करने के लिए ट्रस्ट द्वारा दायर की गई दूसरी याचिका के संबंध में न्यायालय ने कहा कि इसके लिए तथ्यात्मक विश्लेषण की आवश्यकता है, इसलिए इस मुद्दे को एक सक्षम न्यायालय के विचार के लिए छोड़ दिया गया था।

मंदिर की प्रशासनिक समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिर अभूतपूर्व वित्तीय संकट से गुजर रहा है और अपने मासिक खर्चों को पूरा करने में असमर्थ है।

कोर्ट ने ट्रस्ट के विशेष आडिट को तीन महीने के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है। प्रशासनिक समिति ने कहा है कि ट्रस्ट की आय को मंदिर में स्थानांतरित करना आवश्यक है।

समिति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने कहा था कि केरल में सभी मंदिर बंद हैं और इस मंदिर का मासिक खर्च 1.25 करोड़ रुपये है, लेकिन हमें मुश्किल से 60-70 लाख रुपये मिल पाते हैं। इसलिए हमने कुछ निर्देश मांगे हैं।

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