टूट गई लोजपा, पांचों सांसदों ने चिराग पासवान को हटाया; नए नेता अब पशुपति पारस

पशुपति कुमार पारस, चिराग पासवान

पटना। रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में बड़ी टूट हो गई है। पार्टी के पांचों सांसदों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को सभी पदों से हटा दिया है एवं चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस को अपना नेता चुन लिया है।

उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ संसदीय दल के नेता का जिम्मा भी सौंपा गया है। लोजपा में इस टूट की वजह भाजपा और जदयू के बीच चिराग को लेकर जारी तकरार को माना जा रहा है।

लोजपा सांसद पशुपति कुमार पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा सिंह, चंदन सिंह और प्रिंसराज की राहें चिराग पासवान से अलग हो गई हैं। रविवार देर शाम तक चली लोजपा सांसदों की बैठक में इस फैसले पर मुहर लग गई। 

बाद में पांचों सांसदों ने अपने इस फैसले की जानकारी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को भी दे दी। सांसदों ने उन्हें इस संबंध में आधिकारिक पत्र भी सौंप दिया।

आज सोमवार को ये सांसद चुनाव आयोग को भी इसकी जानकारी देंगे। उसके बाद अपने फैसलों की आधिकारिक घोषणा भी करेंगे। उधर पार्टी प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने ऐसी किसी टूट से इनकार किया है।

21 साल बाद परिवार में दरार

बता दें कि 28 नवंबर, 2000 को लोजपा बनी थी। रामविलास पासवान के निधन के बाद चिराग को पुत्र होने का फायदा मिला।

विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग ने खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताया था। लेकिन एनडीए से बाहर निकलकर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर उनके चाचा पशुपति कुमार पारस नाराज थे।

विधानसभा चुनाव के पहले भी पार्टी के सांसदों में टूट की बात सामने आई थी। उस वक्त भी बागी सांसदों का नेतृत्व पशुपति कुमार पारस ही कर रहे थे।

हालांकि, बाद में अपने लेटर हेड पर इन चर्चाओं का खंडन कर पारस ने इस मामले पर विराम लगा दिया था।

विधानसभा चुनाव में लोजपा के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद चिराग से नाराजगी चरम पर पहुंच गई। उधर, जेडीयू भी कई सीटों पर हार के लिए लोजपा को जिम्मेदार मानती है।

चुनाव के दौरान और उसके बाद जेडीयू के नेता लोजपा पर तीखे हमले बोलते रहे हैं। अब पार्टी पर कब्जे को लेकर भी जोर-आजमाइश होनी तय है।

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