सख्ती का असर: भगोड़े कारोबारियों की 9371 करोड़ रुपए की संपत्ति बैकों को ट्रांसफर
नई दिल्ली। भारत में बैंकिंग घोटालों के मामलों में सरकार की सख्ती का असर अब दिखने लगा है। भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर एक्शन का असर यह हुआ है कि सार्वजानिक बैकों को करीब 9371 करोड़ रुपए की संपत्ति ट्रांसफर हो गई है।
ईडी के मुताबिक भगोड़े आरोपी विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की 9,371 करोड़ रुपये की संपत्ति सार्वजानिक बैंकों को ट्रांसफर कर दी गई है ताकि धोखाधड़ी के कारण हुए नुकसान की भरपाई की जा सके।
ईडी ने कहा कि विजय माल्या और पीएनबी बैंक धोखाधड़ी मामलों में बैंकों की 40 फीसदी राशि पीएमएलए के तहत जब्त किए गए शेयरों की बिक्री के जरिए वसूली गई।
प्रवर्तन निदेशालय ने ट्वीट कर कहा कि ईडी ने न केवल पीएमएलए के तहत विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के मामले में 18,170.02 करोड़ (बैंकों को कुल नुकसान का 80.45%) रुपये की संपत्ति को जब्त किया है, बल्कि 9371.17 करोड़ की कीमत वाली संपत्ति को सरकारी बैंकों को ट्रांसफर भी किया है।
मेहुल चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी पर पीएनबी के साथ 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
नीरव मोदी अभी लंदन की एक जेल में बंद है, जबकि मेहुल चोकसी डोमिनिका की जेल में बंद है। दोनों के खिलाफ सीबीआई जांच कर रही है और उन्हें भारत प्रत्यर्पित करने की कोशिश जारी है।
वहीं, विजय माल्या पर लगभग 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। इस मामले में उसकी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस शामिल है।
किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मालिक और 65 वर्षीय कारोबारी विजय माल्या अप्रैल 2019 में अपनी गिरफ्तारी के बाद से प्रत्यर्पण वारंट पर ब्रिटेन में जमानत पर है। जहां से उन्हें वापस लाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।