अजीत अगरकर बने टीम इंडिया के चीफ सेलेक्टर
नई दिल्ली. बीसीसीआई ने वर्ल्ड कप 2023 से पहले एक बड़ा कदम उठाते हुए एक ऐसे खिलाड़ी को चीफ सेलेक्टर बनाया है जो अपने आप में ही एक बड़ा मैच विनर था. जिसके बाद गेंदबाजी और बल्लेबाजी से मैच पलटने का दम था और वो खिलाड़ी अपने लिए नहीं बल्कि टीम के बारे में सोचता था. बात हो रही है अजीत अगरकर की जो अब टीम इंडिया के नए चीफ सेलेक्टर बन गए हैं.
अजीत अगरकर का वर्ल्ड कप 2023 से पहले चीफ सेलेक्टर बनना एक बड़ा अहम और खास कदम है. वो इसलिए क्योंकि ये खिलाड़ी एक दशक तक टीम इंडिया के लिए खेले. उन्होंने सचिन, द्रविड़, गांगुली जैसे दिग्गजों के साथ काफी समय क्रिकेट खेला. इस खिलाड़ी ने अपने करियर में काफी उतार-चढ़ाव भी देखे साथ ही उन्हें देश के लिए खेलने के लिए अपना रोल तक बदलना पड़ा. आइए आपको बताते हैं अजीत अगरकर के करियर की कहानी जो किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है.
अजीत अगरकर का जन्म 4 दिसंबर, 1977 को मुंबई में हुआ. वो शारदाश्रम विद्यामंदिर स्कूल में पढ़े और वहीं उन्होंने क्रिकेट का ककहरा भी सीखा. ये वही स्कूल है जहां सचिन तेंदुलकर जैसा दिग्गज क्रिकेटर भी पढ़ता था. दिलचस्प बात ये है कि अजीत अगरकर के कोच भी रमाकांत अचरेकर थे, जिन्होंने सचिन, विनोद कांबली, प्रवीण आमरे के बाद अजीत अगरकर को भी क्रिकेट की ट्रेनिंग दी.
अजीत अगरकर ने अपना करियर एक ऐसे गेंदबाज के तौर पर खत्म किया जो अहम मौकों पर टीम इंडिया को सफलता दिलाता था. पावरप्ले हो या डेथ ओवर्स, हर मौके पर अगरकर ने खुद को साबित किया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगरकर के करियर का आगाज एक बल्लेबाज के तौर पर शुरू हुआ. बल्लेबाज भी ऐसा जो ताबड़तोड़ हिटिंग कर गेंदबाजों की लाइन-लेंग्थ तबाह कर दे. बहुत कम लोग जानते हैं कि स्कूल क्रिकेट में अजीत अगरकर ने तिहरा शतक भी ठोका हुआ है.
अगरकर ने टीम इंडिया के लिए अंडर-17 और अंडर-19 लेवल पर भी अपनी बल्लेबाजी की धमक दिखाई. अंडर-19 लेवल पर तो अजीत अगरकर ने श्रीलंका के खिलाफ शतक भी लगाया. इस मैच में कुमार संगकारा श्रीलंका अंडर-19 की ओर से खेल रहे थे.
अजीत अगरकर बल्लेबाज से गेंदबाज बने?
अजीत अगरकर एक मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज थे लेकिन उन्होंने 1 अप्रैल, 1998 को एक गेंदबाज के तौर पर टीम इंडिया में डेब्यू किया. सवाल ये है कि कैसे अजीत अगरकर बल्लेबाज से गेंदबाज बन गए? अजीत अगरकर के गेंदबाज बनने के पीछे सचिन का हाथ माना जाता है. अजीत अगरकर ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि शादी के बाद सचिन ने कुछ दिनों तक क्रिकेट से ब्रेक लिया था. इसके बाद वो मुंबई की कांगा लीग में खेलने आए. वहां अगरकर सचिन के खिलाफ खेले और उन्होंने कमाल की गेंदबाजी की.
मैच के बाद सचिन ने अगरकर के कप्तान से बात की और उन्हें कहा कि इस खिलाड़ी को कहें कि वो अपनी गेंदबाजी पर ज्यादा ध्यान दें. सचिन उस वक्त एक बड़ा नाम बन चुके थे और जब इतने बड़े खिलाड़ी ने अगरकर को गेंदबाजी पर ध्यान देने की सलाह दी तो इसे उन्होंने गंभीरता से लिया और इसके बाद वो हुआ जिसकी उम्मीद शायद इस खिलाड़ी को भी नहीं थी.
वनडे क्रिकेट में मचाई थी खलबली
अजीत अगरकर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज में डेब्यू किया. पहले ही मैच में उन्होंने एडम गिलक्रिस्ट को आउट कर अपने तेवर दिखा दिए. इस सीरीज में अजीत अगरकर ने सबसे ज्यादा 10 विकेट हासिल किए. अजीत अगरकर यहीं नहीं रुके और उन्होंने महज 23 मैचों में 50 वनडे हासिल कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया. अजीत अगरकर का ये रिकॉर्ड 2009 में अजंता मेंडिस ने तोड़ा था लेकिन भारत का कोई खिलाड़ी अबतक अगरकर के इस शिखर को पार नहीं कर पाया है. आपको बता दें अगरकर वनडे में सबसे तेजी से 250 विकेट लेने वाले भारतीय भी हैं. उन्होंने ये कारनामा महज 163 पारियों में पूरा किया था.
अजीत अगरकर भले ही बतौर गेंदबाज टीम इंडिया में आए थे लेकिन उनके अंदर एक विस्फोटक बल्लेबाज भी था. अगरकर को जब मौका मिला, उन्होंने अपने बल्ले का जलवा भी दिखाया. अगरकर ने साल 2000 में सबसे तेज वनडे अर्धशतक ठोक अपनी धमक दिखाई. अगरकर ने जिम्बाब्वे के खिलाफ महज 21 गेंदों में अर्धशतक जमाया और इसके साथ ही उन्होंने कपिल देव का रिकॉर्ड तोड़ दिया. अगरकर आज भी सबसे तेज वनडे अर्धशतक लगाने वाले भारतीय खिलाड़ी हैं.
लॉर्ड्स में शतक
अजीत अगरकर ने सिर्फ वनडे क्रिकेट ही नहीं बल्कि टेस्ट में भी अपनी बल्लेबाजी का जलवा दिखाया. साल 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार 109 रनों की पारी खेली. अगरकर ने ये शतक लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर लगाया. इस मैदान पर सचिन और पॉन्टिंग के बल्ले से भी टेस्ट शतक नहीं निकला है लेकिन अगरकर का नाम लॉर्ड्स के ऑनर बोर्ड्स में दर्ज है.
करियर का सबसे बड़ा मैच
अगरकर के करियर का सबसे बड़ा मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2003 में एडिलेड ओवल टेस्ट माना जाता है. इस टेस्ट मैच में अजीत अगरकर ने 41 रन देकर 6 विकेट हासिल किए थे और भारतीय टीम पूरे 20 साल बाद ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट जीतने मे कामयाब रही थी.
शानदार करियर
अजीत ने अपने टेस्ट करियर में 26 मैचों में 58 विकेट हासिल किए. उन्होंने 191 वनडे मैचों में 288 विकेट झटके. वो दो मैचों में फाइव विकेट हॉल लेने में कामयाब रहे. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अगरकर के नाम 299 विकेट थे और लिस्ट ए क्रिकेट में अगरकर ने 420 विकेट हासिल किए.