Agnikul Cosmos ने रचा इतिहास, दुनिया के पहले 3D रॉकेट अग्निबाण की सफल लॉन्चिंग
Agnikul Cosmos Launched Rocket: स्पेस सेक्टर में चेन्नई स्थित अंतरिक्ष स्टार्ट-अप भारतीय कंपनी अग्निकुल कॉसमॉस (AgniKul Cosmos) ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। 30 मई को अग्निबाण SOrTeD के मिशन 01 का सफल लॉन्च किया गया।
चेन्नई स्थित अंतरिक्ष स्टार्ट-अप अग्निकुल कॉसमॉस ने गुरुवार को श्रीहरिकोटा में अपने स्वयं के लॉन्च पैड से रॉकेट अग्निबाण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। चार असफल प्रयासों के बाद, गुरुवार को परीक्षण-उड़ान बिना किसी लाइव-स्ट्रीमिंग के और इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के अंदर स्थित श्रीहरिकोटा लॉन्च पैड पर सफलता पूर्वक लॉन्च किया गया। इसरो ने सोशल मीडिया के जरिए ये जानकारी दी है।
कॉसमॉस को पांचवीं कोशिश में मिली सफलता
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, 22 मार्च के बाद से अग्निकुल की तरफ से अग्निबाण सब-ऑर्बिटल टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर (SOrTeD) लॉन्च करने की ये पांचवीं कोशिश थी। लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट ने इस सफल परीक्षण के लिए पूरी टीम को बधाई भी दी है। उन्होंने कहा, “यह भारत के संपन्न निजी अंतरिक्ष इंडस्ट्री के लिए एक गर्व का पल है और भविष्य में हमारे लिए क्या मायने रखता है,इसकी एक झलक है। इसके पीछे की पूरी टीम को हमारी हार्दिक बधाई और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं।”
Congratulations @AgnikulCosmos for the successful launch of the Agnibaan SoRTed-01 mission from their launch pad.
— ISRO (@isro) May 30, 2024
A major milestone, as the first-ever controlled flight of a semi-cryogenic liquid engine realized through additive manufacturing.@INSPACeIND
रॉकेट की क्या है क्षमता?
दरअसल मंगलवार की सुबह परीक्षण का टेस्ट किया जाना था। सुबह के वक्त 9.25 बजे इसका परीक्षण करना था, लेकिन उड़ान भरने से केवल 5 सेकेंड पहले ही इस प्रक्षेपण को होल्ड पर रखा दिया गया और फिर प्रक्षेपण को रद्द कर दिया गया। बता दें कि अग्निकुल कॉसमॉस का अग्निबाण रॉकेट दो चरणों वाला रॉकेट है। यह रॉकेट 700 किमी की ऊचाई और 300 किग्रा तक का पेलोड को ले जाने में सक्षम है। बता दें कि इससे पहले साल 2022 में स्काईरूट कंपनी ने भारत के पहले प्राइवेट रॉकेट को इसरो के प्रक्षेपण स्थल से लॉन्च किया था।
मिली जानकारी के मुताबिक, एग्निलेट इंजन दुनिया का पहला सिंगल-पीस 3डी-प्रिंटेड सेमी-क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन है। मिशन लॉन्च से लेकर स्प्लैशडाउन तक सिर्फ दो मिनट से थोड़ा ज्यादा तक ये चल सकता है। लिफ्ट-ऑफ के बाद, वाहन से उड़ान के बाद ये फ्लाइट में चार सेकंड के लिए पिच-ओवर करेगा।
बता दें कि इससे पहले साल 2022 में स्काईरूट कंपनी ने भारत के पहले प्राइवेट रॉकेट को इसरो के प्रक्षेपण स्थल से लॉन्च किया था। इंडस्ट्रलियस्ट आनंद महिंद्रा ने अग्निकुल कॉसमॉस की फंडिंग की है। ये देश के जाने-माने उद्योपति हैं। बता दें कि आनंद महिंद्रा ने करीब 80.43 करोड़ रुपए की फंडिंग की है।